15 फिल्मों में काम कर बॉलीवुड की पहली ड्रीम गर्ल बनी ये एक्ट्रेस, जवाहर लाल नेहरू भी हो गए थे फैन

जब भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई, तब फिल्मों में एक्ट्रेसेस को काम करने का बहुत कम ही मौका मिलता था. उस समय पर महिलाओं का फिल्मों में काम करना बहुत खराब समझा जाता था. हालांकि आज के समय में महिलाओं को बराबर का हक है. वो एक्टिंग से लेकर कैमरा संभालने तक का काम कर रही हैं. क्या आप जानते हैं कि उस दौर में एक ऐसी एक्ट्रेस उभरी थीं, जिन्होंने महिलाओं को इंडस्ट्री में कई सारे हक तो दिलाए ही, साथ ही वो पहली ड्रीम गर्ल भी बनीं. उनकी एक्टिंग इतनी जबरदस्त थी कि हर कोई उनका फैन था, जिनकी हम बात कर रहे हैं. उनका नाम है देविका रानी.
हालांकि देविका रानी ने फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल ही काम किया. लेकिन 10 साल के अंदर अंदर उन्होंने 15 फिल्में कीं और उन्हीं से महिलाओं के लिए सिनेमा में कई रास्ते खुले. पहली बार वो साल 1933 में फिल्म ‘कर्मा’ में नजर आई थीं. इसमें लीड एक्टर में उनके पहले पति हिमांशु राय ही थे. देविका काफी गर्म मिजाज की थी. इसलिए उन्हें ‘ड्रैगन लेडी’ भी कहा जाता था. 9 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गई थीं. वहीं से उन्होंने एक्टिंग की पढ़ाई की. उनकी एक्टिंग को ग्रेटा गार्बो से कंपेयर किया जाता था.
जवाहरलाल नेहरू भी थे फैन
1936 में उनकी एक फिल्म ‘अछूत कन्या’ आई. इसमें उन्होंने एक दलित लड़की का किरदार निभाया था. इसमें उन्होंने गाना भी गाया था. उनकी ये फिल्म खूब चली थी और लोगों को काफी पसंद भी आई थी. इस फिल्म के बाद ही उन्हें ड्रीम गर्ल कहा जाने लगा था. जब ये फिल्म आई थी, तब उनकी दोस्ती सरोजिनी नायडू से हुआ करती थी. सरोजिनी ने ही जवाहर लाल नेहरू को ‘अछूत कन्या’ फिल्म देखने को कहा था. फिल्म देखने के बाद जवाहरलाल नेहरू भी उनके फैन हो गए थे और उन्होंने देविका को एक फैन लेटर लिखा था.
ऐसा खूबसूरत चेहरा
एक्टिंग के साथ उनका खूबसूरती में भी जवाब नहीं था. कहा जाता है कि जिस वक्त ‘अछूत कन्या’ आई थी. ये फिल्म हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में रिलीज हुई थी. उस वक्त ब्रिटेन के अखबारों तक में उनकी तारीफ छपी थी. एक न्यूज पेपर ने उनके लिए लिखा था, “आप देविका रानी की इंग्लिश सुनिए आपने ऐसी इंग्लिश और ऐसा खूबसूरत चेहरा पहले कभी नहीं देखा होगा.” उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था.
बॉम्बे टॉकीज
देविका ने अपने पहले पति हिमांशु राय के साथ मिलकर एक स्टूडियो भी बनाया था, जिसका नाम बॉम्बे टॉकीज था. इसके बैनर तले कई सुपरहिट फिल्में बनी थीं. दिलीप कुमार को फिल्मों में लाने का क्रेडिट भी देविका रानी को ही दिया जाता है. देविका ने ही दिलीप कुमार को एक्टिंग के लिए हायर किया था. उन दिनों दिलीप को पहली सैलरी 1280 रुपये महीना दी गई थी. सेट पर उन्होंने कई सख्त नियम बनाए हुए थे. कहा जाता है कि जो भी नियम तोड़ता था. उसकी सैलरी से जुर्माने के तौर पर पैसे काट लिए जाते थे.
फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी
1933 से शुरू हुआ उनका फिल्मी सफर 1943 में खत्म हो गया है. इस बीच एक्टिंग से प्रोडक्शन तक हर काम उन्होंने किया. 1940 में उनके पहले पति हिमांशु राय की मौत हो गई थी और 1943 में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी थी. इसके बाद उन्होंने स्वेतोस्लाव रॉरिक से दूसरी शादी की. पहले कपल हिमाचल प्रदेश के मनाली में रहा. उसके बाद वो कर्नाटक के बेंगलुरु चले गए. वहां उन्होंने 450 एकड़ की प्रॉपर्टी भी खरीदी थी.
अलविदा देविका रानी
1993 में देविका के दूसरे पति की भी मौत हो गई और फिर एक साल बाद उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया था. उन्हें राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई थी. देविका की कोई संतान नहीं थी. इसलिए उनकी प्रॉपर्टी को लेकर उनकी मौत के बाद कई सालों तक मुकदमा चला. फिर साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक उनकी प्रॉपर्टी को कर्नाटक सरकार के अधीन कर दिया गया.

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