16 की उम्र में कुर्सी पर बैठाकर ली गई जान, 93 साल पुराना वो हत्याकांड जिसमें बेगुनाह को मिली थी सजा
तारीख 3 अक्टूबर, 1930. ये वो दौर भी था जब अमेरिका में रंगभेद काफी था. अश्वेत लोगों से हर चीज में भेदभाव हुआ करता था. तभी इस तारीख को एक वाकया घटा. अमेरिका का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला राज्य पेंसिल्वेनिया में एक क्रूर हत्या होती है. स्कूल की श्वेत महिला मैट्रन विडा रोबारे की. उनकी लाश उनके पति को मिली थी. विडा रोबारे पर बर्फ तोड़ने वाले चाकू से 47 बार वार किया गया था. पसलियां टूट गई थीं और मस्तिष्क में फ्रैक्चर हो गया था. हत्या का दोषी 16 साल के अश्वेत अलेक्जेंडर मैक्ले विलियम्स को ठहराया गया. एक साल बाद 1931 में अलेक्जेंडर पेंसिल्वेनिया में फाँसी पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए. जब 16 साल की उम्र में उनकी मौत की सज़ा इलेक्ट्रिक चेयर से दी गई थी.
लेकिन 90 साल बाद पता चला कि अलेक्जेंडर को उस अपराध की सजा मिली जो उसने किया ही नहीं था. 2015 में एक वकील ने केस की खोजबीन करके वो सबूत दिया जो अलेक्जेंडर के परिवार को उस दुख, शर्मिंदगी से बाहर ले आई जिसके साथ वो पिछले 90 साल से जी रहे थे. अलेक्जेंडर की बहन सूसी विलियम्स कार्टर और उनका परिवार क्षतिपूर्ति के लिए मुकदमा कर रहे हैं. उन्होंने यह आरोप लगाया है कि अलेक्जेंडर को गलत तरीके से गिरफ्तार और मुकदमा चलाया गया. पूर्वी पेंसिल्वेनिया की जिला अदालत में पिछले सप्ताह ये मुकदमा दायर किया गया है.
2017 में केस फिर से खुला
2017 में, वकील लेमन और रॉबर्ट केलर की कानूनी वकालत की बदौलत अलेक्जेंडर विलियम्स के खिलाफ मामला फिर से खोला गया था. उसके लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेमन को अलेक्जेंडर के केस में दिलचस्पी इसलिए भी हुई क्योंकि उनके परदादा विलियम रिडले ने मुकदमे में अलेक्जेंडर का प्रतिनिधित्व किया था. लेकिन वो केस हार गए.
दशकों बाद लेमन ने इसके पीछे की वजहों को जानना चाहा. इसलिए, 1989 में लेमन ने पत्र लिखना, दस्तावेज़ इकट्ठा करना और मामले के बारे में रिकॉर्ड देखने के लिए फिलाडेल्फिया हिस्टोरिकल सोसाइटी का दौरा करना शुरू किया. लेमन को जेल के डॉक्टर से 1930 का मृत्यु प्रमाण पत्र मिला. सर्टिफिकेट से मालूम चला कि किसी ने लड़के की उम्र में बदलाव करके यह लिखा था कि वह 18 साल का था, जबकि वह वास्तव में 16 साल का था. पर एक चूक कर दी. सर्टिफिकेट में जन्म का साल बदलना भूल गए.
विडा रोबारो की हत्या में फंसाया गया
इस मामले में और जानकारी जुटाने के बाद पता चला कि रोबारो की मौत का कारण दिल की बीमारी से जुड़ा हुआ था. लेकिन किसी ने दूसरी लिखावट में मौत की वजह अलेक्जेंडर मैक्ले विलियम्स के हाथों में बर्फ तोड़ने के कारण लिखा गया था. शिकायत में कहा गया है कि अपराध का कोई गवाह या फोरेंसिक सबूत नहीं था जो अलेक्जेंडर को हत्या से जोड़ता हो. शिकायत के अनुसार, हत्या स्थल पर एक वयस्क के खून से सने हाथ के निशान पाए गए थे, लेकिन उस सबूत को ट्रायल के दौरान पेश नहीं किया गया था और एक अधिकारी ने बाद में गवाही दी कि उसने अलेक्जेंडर पर कोई खून नहीं देखा था.
हत्या के दिन असल में क्या हुआ था
हत्या के दिन, एक स्कूल अधिकारी ने अलेक्जेंडर और एक अन्य लड़के से फावड़े लाने को कहा जो “एक और दो ब्लॉक के बीच स्थित थे. फिर उसने अलेक्जेंडर को एक अलग काम करने के लिए कहा – शिकायत के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि एक कार्य को पूरा करने में लड़के को 20 मिनट लगे. मुकदमे में तर्क दिया गया कि उन 20 मिनटों के भीतर, अलेक्जेंडर ने हत्या कर दी. लेकिन लेमन की खोजबीन के बाद पता चला कि 20 मिनट में ये सब काम करना और फिर बिना किसी खून-खराबे के काम पर वापस जाना असंभव था.
आखिरकार जून 2022 में, डेलावेयर काउंटी कोर्ट ऑफ कॉमन प्लीज़ के एक न्यायाधीश ने दोबारा सुनवाई का आदेश दिया और डेलावेयर काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय ने मामला लाने से इनकार कर दिया. फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर के अनुसार, अक्टूबर 2022 में अलेक्जेंडर को तत्कालीन पेंसिल्वेनिया गवर्नर टॉम वुल्फ ने सभी दोषों से मुक्त कर दिया था.
अमेरिका में अश्वेत लोगों से भेदभाव
अलेक्जेंडर की बहन कार्टर, जो 94 साल की है वो जागरूकता फैलाना चाहती हैं कि गलत सजाएं पूरे अमेरिका में युवाओं को परेशान कर रही हैं. 2023 में अमेरिका में 150 से अधिक लोगों को बरी कर दिया गया था. उनमें से, लगभग 61% बरी किए गए लोग काले थे. 1955 में भी 14 साल के एक अश्वेत बच्चें की मौत हो गई थी. उन पर आरोप था कि उसने श्वेत महिला पर हमला किया है. उसे बेरहमी से पीटा गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी.