2 साल पहले भारत में भी फैला था मंकीपॉक्स वायरस, कितने केस आए थे? विदेशों से कितना कम था खतरा

WHO ने MPOX Virus यानी मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. इसका मतलह है की इस वायरस से दुनियाभर में खतरा हो सकता है. फिलहला अफ्रीका में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. 30 हजार से अधिक केस आ चुके हैं और 500 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई है. दक्षिण अफ्रीका के अलावा अन्य कुछ देशोंं में भी मामले रिपोर्ट किए गए हैं. दो साल में ऐसा दूसरी बार है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. इससे पहले साल 2022 में यह घोषणा की गई है. उस दौरान दुनिया के 116 देशों में यह वायरस फैला था और करीब 1 लाख मामले आए थे. तब भारत में भी यह बीमारी फैली थी.
2022 में जब भारत में मंकीपॉक्स फैला था तब यहां इस बीमारी के 20 संक्रमित मिले थे. इनमें से अधिकतर वह थे जो विदेश यात्रा कर भारत वापिस लौटे थे. अधिकतर मामले दिल्ली में आए थे और इन मरीजों को दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब मंकीपॉक्स से संक्रमित अधिकतर मरीजों में हल्के लक्षण थे और एक मरीज की मौत हो गई थी. केरल में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज ने जान गंवाई थी. भारत में करीब 2 महीने तक इस वायरस के संक्रमित मिले थे, हालांकि किसी भी इलाके में कोविड की तरह बड़े स्तर पर संक्रमण नहीं हुआ था. तब विदेशों में मंकीपॉक्स के काफी केस आए थे अमेरिका, यूरोप के देशों में हजारों केस रिपोर्ट किए गए थे, लेकिन भारत में आंकड़ा कम ही था. ऐसे में क्या इस बार भी भारत में मंकीपॉक्स के केस आ सकते हैं? इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
मंकीपॉक्स वायरस से कितना है भारत में खतरा?
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल बताते हैं की मंकीपॉक्स वायरस इस समय फैल रहा है. भले ही अभी अफ्रीका में मामले आए हैं, लेकिन अन्य देशों में भी इसके फैलने का खतरा है. ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है. चूंकि मंकीपॉक्स भी एक संक्रामक वायरस है और एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है तो ऐसे में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. जहां तक बात भारत की है तो अभी यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है की यहां मंकीपॉक्स का कितना असर होगा. ऐसा इसिलए क्योंकि पिछली बार भी कम ही केस आए थे.
मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया?
अफ्रीका में मंकीपॉक्स के 30 हजार से अधिक मामले आए हैं और 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. ऐसे में इस वायरस के अन्य देशों में भी तेजी से फैलने की आशंका है. ऐसे में अन्य देशों को समय पर अलर्ट करने के लिए WHO ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है, लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है. बस जरूरी है की लोग सावधानी बरतें और मंकीपॉक्स से बचाव के तरीकों का पालन करें.
एमपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
सूजी हुई लिम्फ नोड्स.
बुखार
ठंड लगना.
मांसपेशियों में दर्द
सिरदर्द
थकान
मंकीपॉक्स का इलाज कैसे होता है?
एमपॉक्स अधिकतर मामलों में खुद ही ठीक हो जाता है. लेकिन कुछ लोगों में इसके गंभीर भी हो सकते हैं. अभी तक इस बीमारी के लिए कोई कोई वैक्सीन या निर्धारत दवा नहीं है. केवल मरीज के लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है. डॉक्टर एंटीवायरल दवाएं देकर मरीज की बीमारी को कंट्रोल करते हैं.
Mpox से कैसे करें बचाव
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं
फ्लू के लक्षण के साथ चेहरे पर दाने निकल रहे हैं तो डॉक्टर से मिले
जिन देशों में यह वायरस फैला है वहां जाने से बचें
असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं.

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