दिल में 2 ब्लॉकेज, दाहिना दिमाग भी नाकाम, 70% दिव्यांग, लेकिन हौसला फौलाद जैसा

कहते हैं कि जब इरादा मजबूत हो तो जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी परेशानी क्यों ना आए, आपको अपने लक्ष्य से नहीं डिगा सकता. ऐसा ही कुछ है सुप्रिया दत्ता के साथ, जिनके शरीर का 70 फीसदी हिस्सा सही से काम नहीं करता, लेकिन हौसला फौलाद की तरह बुलंद है.

दिल में दो ब्लॉकेज, दाहिना मस्तिष्क काम नहीं कर रहा, दाहिना हाथ भी नाकाम हो चुका है, 70% दिव्यांग हुगली के गोघाट 1 ब्लॉक के उदयराजपुर इलाके की रहने वाली सुप्रिया दत्ता इस साल अपनी माध्यमिक परीक्षा दे रही है.

सुप्रिया उदयराजपुर हाईस्कूल की छात्रा है. मालूम हो कि सुप्रिया के जन्म के एक साल के अंदर हार्ट में दो ब्लॉकेज पाए गए थे. तभी डेढ़ साल की उम्र में उन्हें अचानक दौरा पड़ा. और इसीलिए दाहिनी ओर का मस्तिष्क अक्षम है, दाहिना हाथ भी अक्षम है. देश-विदेश में डॉक्टरों को दिखाने के साथ-साथ उनकी पढ़ाई भी जारी है.

हालांकि, सुप्रिया बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी है, लेकिन समस्या उसकी मस्तिष्क दिव्यांगता है. उसे अपनी पढ़ाई के बारे में ज्यादा कुछ याद नहीं रहता. फिर भी, उसमें जीवन की बड़ी परीक्षा में बैठने की दृढ़ इच्छाशक्ति है. चूंकि सुप्रिया का दाहिना हाथ भी काम नहीं करता है, इसलिए वह स्कूल अधिकारियों के बड़ी परीक्षा में बैठने के निर्णय के अनुसार राइटर के साथ परीक्षा में बैठी. उसके परिवार को विश्वास है कि वह परीक्षा पास कर लेगी. बेटी 70 फीसदी दिव्यांग है, इसलिए उसकी मां ही उसका सारा काम करती है. अगर वह पास हो जाती है तो उसका परिवार उसे और अधिक पढ़ाने की इच्छा रखता है.

सुप्रिया के पिता फुटपाथ पर दुकान लगाकर किसी तरह बच्ची का इलाज और पढ़ाई-लिखाई का खर्च चलाते हैं. इस संबंध में सुप्रिया की मां ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही दिव्यांग थी, फिर भी उसे कोई सरकारी लाभ नहीं मिला. उन्होंने कई बार सरकारी मदद के लिए आवेदन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.

छात्रा की मां ने आगे कहा, “अगर कोई उनके साथ खड़ा रहा तो आने वाले दिनों में सुप्रिया अपनी पढ़ाई में काफी आगे बढ़ सकेगी.” कुल मिलाकर अब आम लोगों की नजर इस पर है कि क्या सुप्रिया अपने जीवन की बड़ी परीक्षा पास कर परिवार से लेकर इलाके के लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला पायेगी.

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