जमीन से निकले 2 ऐसे जीव, देखकर चौंक गए वैज्ञानिक, कहा- ये सिर्फ हमारे लिए ही नहीं…
ओडिशा के कोरापुट में केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के सहयोग से ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूओ) के शोधकर्ताओं ने केंचुओं की दो नई प्रजातियों की खोज की. स्कूल ऑफ बायोडायवर्सिटी एंड कंजर्वेशन ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज के डीन शरत कुमार पालिता ने कहा, कोरापुट जिले के सीयूओ (CUO) की छात्रा आयुस्मिता नाइक ने रानी डुडुमा और जेपोर घाट क्षेत्रों से केंचुओं के कुछ बड़े नमूने एकत्र किए हैं.
पालिता ने कहा कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक आर. पालीवाल और महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के एडवांस पर्यावरण अध्ययन और सतत विकास केंद्र के केंचुआ विशेषज्ञ प्रशांत नारायणन और एपी थॉमस के सहयोग से शोधकर्ताओं द्वारा लैब में नमूनों की सावधानीपूर्वक जांच की गई. पलिता ने कहा, ‘लैब में जांच के बाद केंचुओं की दो नई प्रजातियों की पहचान मिली, उनको नाम दिया गया है ‘मेगास्कोलेक्सजेपोरघाटिएन्सिस और मेगास्कोलेक्सक्वाड्रिपैपिलैटस (Megascolexjeyporeghatiensis and Megascolexquadripappilatus). ये दोनों केचुएं विज्ञान के लिए पूरी तरह से नई हैं.’
पालिता ने बताया कि दोनों नई प्रजातियों की खोज हाल ही में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टैक्सोनोमिक जर्नल ‘जूटाक्सा’ में प्रकाशित हुई थी. उन्होंने कहा, दुनिया में मेगास्कोलेक्स प्रजातियों की कुल संख्या अब 70 हो गई है, जिनमें से 34 भारत में पाई जाती हैं. मेगास्कोलेक्स प्रजातियां ज्यादातर प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पश्चिम भाग के पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखलाओं के दक्षिणी हिस्से तक ही सीमित हैं.