20 मिनट में PAK-चीन को बना सकता है निशाना, DRDO ने अग्नि-4 का किया सफल परीक्षण

DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने शुक्रवार को अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से किया गया है. अग्नि-4 एक इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो लगभग 4000 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है. ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे यह भारत की सामरिक ताकत को और बढ़ाती है.
अग्नि-4 की लंबाई 20 मीटर है और इसका वजन लगभग 17 टन है. ये दो चरण वाली मिसाइल है. सबसे खास बात ये है कि इस मिसाइल को सड़क पर मोबाइल लांचर से भी लॉन्च किया जा सकता है, जिससे इसकी तैनाती में आसानी होती है. अग्नि-4 में बेहतरीन सटीकता के लिए स्वदेशी रिंग लेजर जाइरोस्कोप आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम और डिजिटल कंट्रोलर सिस्टम शामिल हैं.
20 मिनट में लक्ष्य बना सकती है अग्नि-4
इस परीक्षण का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना और संभावित दुश्मनों को एक साफ संदेश देना था. विशेषज्ञों का मानना है कि अग्नि-4, चीन और पाकिस्तान के किसी भी शहर को केवल 20 मिनट में लक्ष्य बना सकती है. ये भारत की राजनीतिक बलों के लिए एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त है जो देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
रक्षा मंत्रालय ने इस सफल परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि ये भारत के लिए एक महत्वपूर्ण और बड़ी उपलब्धि है. DRDO ने इस मिसाइल प्रणाली को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अग्नि-4 का परीक्षण भारत की आत्मनिर्भरता की और भी एक कदम माना जा रहा है.
बता दें कि भारत ने अग्नि-4 का पहला सफल परीक्षण 15 नवंबर 2011 में किया था. अग्नि-4 को लॉन्च करने के 8×8 ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर या फिर रेल मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है. जानकारी के मुताबिक मिसाइल का नेविगेशन डिजिटली नियंत्रित से किया जाता है.

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