20 साल पहले लिखा गया गीत आज बन गया स्टेट सॉन्ग, रेवंत राज में हो रहे बदलाव पर तेलंगाना में क्यों छिड़ी जंग?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 7 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री का पद संभाला जिसके बाद से वो तेलंगाना में कई बदलाव कर रहे हैं. इसी कड़ी में हाल ही में रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना का राज्य गीत भी बदल दिया है. साथ ही जहां राज्य में राज्य गीत बदल दिया गया, दूसरी तरफ राज्य के प्रतीक चिन्ह (Telangana Emblem ) को बदलने का भी सरकार ने प्रस्ताव रखा जिस पर राज्य में जंग छिड़ गई है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने कवि एंडी श्री के 20 साल पहले लिखे हुए गीत ‘जया जया हे तेलंगाना’ को राज्य गीत के रूप में मंजूरी दे दी है. जिस के बाद अब राज्य के प्रतीक चिन्ह से चारमीनार और काकतीय राजवंश के मेहराब को हटाने के सरकार के कथित कदम पर विपक्ष विरोध कर रहा है. बीआरएस और एआईएमआईएम सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ खड़े हुए हैं.
20 साल पहले लिखा गया गीत
तेलंगाना का राज्य गीत जिसको कवि एंडी श्री ने लिखा है, 2 जून को राज्य स्थापना दिवस के भव्य समारोह के दौरान जारी किया जाएगा. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सरकार ने इस गीत को मंजूरी दे दी है. साथ ही सीएम ने कहा कि यह गीत तेलंगाना के गठन के संघर्ष को सामने रखता है, जिससे आने वाली पीढ़ियां ‘तेलंगाना शहीदों’ के बलिदान को याद रखें. गीत के लेखक एंडी श्री ने कहा कि उन्होंने 20 साल पहले यह गीत लिखा था. उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि इस गीत को बिना किसी बदलाव के राज्य गीत के रूप में स्वीकार कर लिया गया है. ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक एम एम कीरावनी ने संगीत तैयार किया और इसको गाया.
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल
राज्य गीत को बदलने का यह निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा राज्य विधान परिषद के अध्यक्ष गुट्टा सुखेंद्र रेड्डी, विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद, राज्य के मंत्रियों, एंडी श्री, कीरावनी, सीपीआई विधायक के संबाशिवराव, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव टी वीरभद्रम और प्रोफेसर के साथ हुई बैठक में लिया गया. राज्य गीत की जानकारी देते हुए बताया गया कि यह राज्य गीत दो संस्करणों में तैयार किया गया है. गाने का पहला संस्करण ढाई मिनट का है, जबकि दूसरा संस्करण पूरे साढ़े 13 मिनट का है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में राज्य गीत को मंजूरी दी गई.
प्रतीक चिन्ह पर सरकार ने क्या कहा
जहां एक तरफ राज्य गीत को मंजूरी मिल गई है, वहीं दूसरी तरफ लगातार राज्य प्रतीक को बदलने के लिए सरकार विपक्ष के विरोध का सामना कर रही है. जिसके बाद सरकार ने कहा कि प्रतीक चिन्ह को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना प्रतीक और तेलंगाना तल्ली प्रतिमा (Telangana Talli statue ) पर अंतिम निर्णय विधानसभा में चर्चा के बाद ही लिया जाएगा. हालांकि सवाल उठता है कि अगर राज्य का प्रतीक चिन्ह बदला गया तो राज्य का प्रतीक फिर क्या होगा. जिस पर सीएम रेड्डी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार को राज्य भर से कलाकारों से लगभग 500 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से सभी पर अभी भी चर्चा चल रही है और प्रतीक के लिए अभी तक कोई डिज़ाइन तय नहीं किया गया है.
विपक्ष ने किया विरोध
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना तल्ली प्रतिमा के संबंध में भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा में चर्चा के बाद ही तेलंगाना प्रतीक और तेलंगाना तल्ली प्रतिमा पर अंतिम निर्णय लेगी. बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने मांग की कि कांग्रेस सरकार राज्य के प्रतीक से चारमीनार और ‘काकतीय मेहराब’ को हटाने के अपने कथित प्रयास को वापस ले. एआईएमआईएम ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राज्य सरकार से तेलंगाना के राज्य प्रतीक में चारमीनार को बनाए रखने का आग्रह किया क्योंकि यह राज्य की समग्र संस्कृति के लंबे इतिहास का प्रतीक है.

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