2032 में भारत की जीडीपी 83,48,04,50,00,00,000 रुपए होने का अनुमान, कहां होंगे यूएस, चीन, जर्मनी और जापान?
देश की इकोनॉमी की रफ्तार लगातार भाग रही है. वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और दुनिया की तमाम ब्रोकरेज फर्म भारत की इकोनॉमी पर भरोसा जता रही हैं. अब जो ताजा अनुमान सामने आया है, वो बड़ा दिलचस्प है. आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले छह वर्षों में 10 ट्रिलियन डॉलर यानी 83,48,04,50,00,00,000 रुपए की इकोनॉमी होने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया को भी पीछे छोड़ देगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रिपोर्ट में और किस तरह की जानकारी दी गई है.
डेढ़ साल में 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी
आईडीबीआई कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी में हर 18 महीने में 1 ट्रिलियन डॉलर एड होंगे, जो एक तीव्र आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक है. इस गति के साथ, देश 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की राह पर है, और 2030 तक खुद को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में स्थापित कर लेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 1.5 साल में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़कर, भारत अगले छह वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी ग्लोबल इकोनॉमी के रूप में उभरने का अनुमान है. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत की ग्रोथ मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर द्वारा ऑपरेट होगी जिसका जीवीए में 32 फीसदी योगदान करने का अनुमान है. देश के “मेक इन इंडिया” जैसे अहम इनिशिएटिव्स मैन्युफैक्चारिंग कैपेसिटी को बढ़ाने और भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.
ऐसे बढ़ी देश की जीडीपी
इस रिपोर्ट में भारत के इकोनॉमिक एक्सपेंशन को लेकर कहा गया कि 1 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने में देश को 63 साल लग गए. जबकि अगले 7 साल में देश की जीडीपी में 1 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला और देश की जीडीपी 2017 तक 2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गई है. अगले तीन साल में देश की जीडीपी में एक और ट्रिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला. उसके बाद देश की जीडीपी 2020 तक देश की इकोनॉमी 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया. जो पिछले दशक में विकास में तेज वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण देश की जीडीपी के 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में थोड़ी देरी हो गई जोकि 2024 तक पूरी हो जानी चाहिए थी. भारत अब आने वाले वर्षों में तेजी से विकास के लिए तैयार है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में होगा नंबर 1
2024 और 2032 के बीच, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत मांग, मजबूत निर्यात क्षमता और उत्पादन से जुड़ी पीएलआई योजनाओं जैसी सरकारी पॉलिसीज के कारण भारत के 10 ट्रिलियन डॉलर के जीडीपी तक पहुंचने का अनुमान है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में अमेरिका, चीन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों को पछाड़कर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्लोबल इकोनॉमी में सबसे टॉप पर होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आईआईपी मैन्युफैक्चरिंग में टॉप 5 इकोनॉमीज…अमेरिका, चीन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान से आगे निकल जाएगा…भारत में नीतिगत सुधारों और अनुकूल कारोबारी माहौल के समर्थन से समान तर्ज पर बढ़ने की क्षमता है.
एक्सपोर्ट में भी रिकॉर्ड बनाएगा भारत
रिपोर्ट में भारत की बढ़ती निर्यात क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक देश का एक्सपोर्ट जीडीपी का 25 फीसदी होगा, जो 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. साल 2000 भारत का एक्सपोर्ट 61 बिलियन डॉलर था जो 2024 तक 776.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट ग्रोथ कई प्रमुख कारकों से प्रेरित है, जिसमें बढ़ती डिस्पोजेबल आय के कारण बढ़ती घरेलू मांग, सप्लाई चेन का ग्लोबल रीस्ट्रक्चर, महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता और एक सहायक वित्तीय वातावरण शामिल है. पब्लिक और प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि के साथ, अनुकूल डेमोग्रोफिक डिविडेंड के साथ, भारत एक ग्लोबल इकोनॉमिक महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए अच्छी स्थिति में है.