25 में नौकरी, 29 में रिटायरमेंट, 4 साल में जिंदगीभर का बंदोबस्त, सैलरी से कैसे पैसा बचाएं, इस छोरे ने सिखाया

कहानी एक ऐसे युवा भारतीय लड़के की है, जिसने 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू की और 29 की उम्र में इतना पैसा कमा लिया कि अब वह रिटायर होकर पूरी जिंदगी चैन से बिता सकता है. उसका नाम है डेनियल जॉर्ज. जॉर्ज ने जॉब शुरू करते ही मन बना लिया था कि बहुत वर्षों तक नौकरी नहीं करनी है. नौकरी के दौरान उसने अपना लक्ष्य अपने जेहन में रखा और अय्याशी करने की बजाय पैसा जोड़ने पर ध्यान दिया. उनकी कहानी बड़ी दिलचस्प है. यदि आप भी नौकरी करते हैं तो ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए.

डेनियल जॉर्ज जब आईआईटी बॉम्बे में पढ़ रहे थे, तभी उन्होंने जल्दी रिटायर हो जाने के बारे में सोच लिया था. उस वक्त उनकी उम्र 24 वर्ष की थी. 2015 में फिजिक्स इंजीनियरिंग की बैचलर की डिग्री लेने बाद समर इंटरशिप की. 2018 में ऑफर मिला सीधे गूगल से. सैलरी थी 265,000 अमेरिकी डॉलर (रुपयों में 2.2 करोड़). जॉब AI इंजीनियर की थी. ऐसी नौकरी मिलना किसी सपने के सच होने से कम नहीं. नौकरी पाने के बाद जॉर्ज ने जब गुना-गणित बैठाया तो पाया कि कुछ साल काम करने के बाद यदि चाहें तो वे भारत वापस जा सकते हैं और रिटायरमेंट ले सकते हैं.

टैक्स बचाने के लिए शुरू किया बढ़िया काम

बिजनेस इनसाइडर से बात करते हुए जॉर्ज ने बताया कि अब उसके पास इतने पैसे है कि उसे भविष्य में सैलरी की चिंता करने की जरूरत नहीं. उन्होंने बताया, “गूगल एक्स के साथ काम करना मेरी ड्रीम जॉब थी. वहां काम करना खूबसूरत सपनों सा था. वहां अनलिमिटेड फूड और ड्रिंक्स थे, साथ ही पिंग-पॉन्ग टेबल्स, वीडियो गेम रूम, सॉकर फील्ड्स, जिम, टेनिस कोर्ट, और फ्री मसाज जैसी सुविधाएं शामिल थीं.” सालभर गूगल में बिताने के बात उन्होंने फाइनेंस और टैक्स के बारे में प्राथमिकता पर सोचना शुरू किया. उन्होंने कहा, “मैं काफी अच्छा पैसा कमा रहा था, मगर लगभग 50 फीसदी पैसा टैक्स में ही दे रहा था.”

जॉर्ज ने सोचा कि इतना ज्यादा टैक्स भरने से अच्छा है कि वे रिटायरमेंट फंड में अधिक से अधिक पैसा डालें. उन्होंने वैसा ही करना शुरू किया. वे कहते हैं, “जब मैं गूगल में काम कर रहा था, मैंने अपनी कमाई का 10 परसेंट से भी कम खर्च किया. मैं कभी बाइक पर तो कभी पैदल ही काम पर चला जाता था, इसलिए मैंने कभी कार नहीं खरीदी. मैं दिन का तीन वक्त का खाना गूगल पर ही करता था, तो कभी-कभार ही पैसे पर खर्च करता था. सिलिकॉन वैली में घर काफी महंगे हैं, लेकिन मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ एक अपार्टमेंट में रहता था और मेरे हिस्से में काफी कम किराया आता था.”

कम खर्च करके भी बिताया क्वालिटी टाइम

ऐसा नहीं था कि कम खर्च करने के बाद भी उसे कोई कमी महसूस हुई हो. गूगल में काम करने के दौरान उसने काफी मजे किए, क्योंकि गूगल ऑफिस से काफी पैसा मिल जाया करता था.

डेनियल जॉर्ज ने बताया, “मैं कई लोगों को जानता हूं, जिन्होंने महंगी कारें या घर खरीदे, लेकिन मैंने अपनी सेविंग्स को निवेश करने का फैसला लिया. जानता था कि जितना जल्दी मैं पैसा बचाना शुरू करूंगा, पैसे को बढ़ने के लिए उतना ही ज्यादा वक्त मिलेगा. मैं किसी भी समय ऐसे शहरों में जा सकता था, जो सस्ते हों और वहां कहीं ज्यादा अच्छा घर खरीद सकता था. गूगल में मज़े ले रहा था और कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं वहां क्वालिटी टाइम नहीं बिता रहा हूं.”

आखिरकर, उसने हर साल 75,000 डॉलर (लगभग 62 लाख रुपये) से अधिक टैक्स बचाने वाले अकाउंट में डाले. 2020 आते-आते जॉर्ड के पास इतना पैसा था कि वह रिटायर होकर भारत वापस आ सकता था, लेकिन उसने ऐसा किया नहीं. उसने वहीं रुकने और अपनी वेल्थ को और बढ़ाने का फैसला लिया. कारण था अपनी होने वाली पत्नी से मिलना. उनकी फ्यूचर वाइफ भी गूगल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) साइंटिस्ट थी, मगर वे अमेरिका में ही रहती थीं.

गूगल की नौकरी छोड़ी और…

जून 2020 में उन्हें अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन से ऑफर मिला और उन्होंने गूगल को अलविदा कहते देर नहीं लगाई. उन्हें AI प्रोजेक्ट्स की बड़ी जिम्मेदारी मिली और पैसा हो गया गूगल से दोगुना. वे कहते हैं, “मेरी आय और नेट वर्थ बढ़ गई थी, लेकिन मैं अब भी बहुत सिंपल लाइफ जी रहा था. क्योंकि मैं खाना पकाना नहीं चाहता था तो बाहर खाने के अलावा और कुछ नहीं किया. मेरे पास अपनी चीजों में कपड़े, एक गद्दा, एक बेड और एक 56 इंच का टीवी था, इसके अलावा कुछ भी नहीं.”

उन्होंने बताया कि जब वे 27 साल के हुए तो पहली मिलियन डॉलर सेविंग को छू चुके थे. स्टॉक पोर्टफोलियो ने अच्छा किया. वे कहते हैं, “जेपी मॉर्गन से मिलने वाले सैलरी और बड़े-बड़े बोनस का 70 फीसदी हिस्सा मैं निवेश करता रहा.” अगस्त 2023 में, जब वे 29 साल के हुए, जॉर्ज ने जेपी मॉर्गन को भी छोड़ दिया और अपना काम शुरू कर लिया. उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप ThirdEar AI शुरू कर दिया.

अब जॉर्ज कहते हैं, “मुझे अब अपनी सैलरी को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ेगी. मैं अपनी कंपनी बनाने का जोखिम ले सकता हूं… जब मैं और मेरी पत्नी सैटल डाउन होने और बच्चों के बारे में सोचेंगे तो, मुझे भरोसा है कि ये सारी इन्वेस्टमेंट हमारे लिए पैसिव इनकम देती रहेगी, जिससे कि मेरे परिवार का खर्च चलता रहेगा. चूंकि मैंने जल्दी निवेश करना शुरू किया, तो मुझे बाद में चिंता करने की जरूरत नहीं है.”

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