28 साल से फरार था लाजपत नगर ब्लास्ट का आरोपी, 15 दिन में मिल गई जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने 1996 के लाजपत नगर बम विस्फोट मामले में एक आरोपी को जमानत दे दी. इस आरोपी को विस्फोट की घटना के 28 साल बाद गिरफ्तार किया गया था. उसे 19 फरवरी, 1997 को अपराधी घोषित किया गया था. हालांकि उसकी गिरफ्तारी 9 जुलाई, 2024 को की गई थी. साल 1996 में लाजपत नगर में एक बम विस्फोट हुआ था. इसमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए थें और कई अन्य घायल हो गए थें. जम्मू – कश्मीर इस्लामिक फ्रंट (JKIF) ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.
इस मामले में जस्टिस हरदीप कौर ने आरोपी मेहराजुद्दीन भट्ट उर्फ जुबेर को जमानत दे दी. मंगलवार 23 जुलाई को जमानत दे दी गई. हालांकि अदालत ने कई शर्तें लगाई हैं. इसमें ये भी शामिल है कि आरोपी अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़े सकेगा. पूछे जाने पर, आईओ ने अदालत को बताया कि दो सह-आरोपियों, फरीदाबाद डार उर्फ बहनजी और लतीफ अहमद वाजा से पूछताछ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं आया है. आरोपी मेहराजुद्दीन 1989 से इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का स्थायी कर्मचारी है.
साजिश का हिस्सा होने का आरोप
अदालत ने कहा कि 8 अप्रैल, 2010 को आरोपी फरीदा डार और लतीफ अहमद वाजा को साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया था. आरोपी मेहराजुद्दीन की ओर से वकील कार्तिक वेणु पेश हुए. उन्होंने अदालत में बताया कि आरोपी निर्दोष है और उसके भागने का खतरा नहीं है. वह 1989 से एक सरकारी संस्थान का कर्मचारी है. उस पर साजिश का हिस्सा होने का आरोप है. फरीदाबाद डार और लतीफ अहमद वाजा के खुलासे वाले बयानों में उसका नाम सामने आया. आरोपी जांच में बाधा डालने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि सभी सबूत दस्तावेजी हैं.
17 आरोपियों में से चार दोषी पाए गए
इस मामले को लेकर शुरूआत में लाजपत नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि बाद में, जांच को स्पेशल सेल को सौंप दिया गया. इस मामले में, 17 आरोपियों में से चार को दोषी ठहराया गया. छह को बरी कर दिया गया. घोषित अपराधियों में एक की पहले ही मौत हो चुकी है.