3 नए चेहरों के साथ MPC की बैठक करेगी RBI, क्या अब कम होगी लोन EMI
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक सोमवार 7 अक्टूबर को होने जा रही है. उससे पहले आरबीआई एमपीसी की टीम में अहम बदलाव हुआ है. आरबीआई की एमपीसी में तीन नए बाहरी मेंबर्स को नियुक्त किया गया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या 9 अक्टूबर को आरबीआई रेपो रेट यानी लोन ईएमआई को कम करते हुए करोड़ों लोगों को राहत देगी या फिर लगातार 10वीं बार ब्याज दरों को फ्रीज रखेगी?
वास्तव में ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि फेड अपनी पॉलिसी ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है. वहीं यूरोपीय बैंक भी ब्याज दरों में कटौती कर रहा है. ऐसे में दुनिया की नजरें अब भारत के सेंट्रल बैंक पर टिक गई हैं. एमपीसी के चेयरमैन आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास समिति की तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी बुधवार 9 अक्टूबर देंगे.
जानकारों का मानना है कि एमपीसी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी. अगर ऐसा होता है तो यह लगातार दसवीं बार होगा जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पॉलिसी रेट के मामले में यथास्थिति बनाए रखेगा. एमपीसी ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में नीतिगत दर रेपो में संशोधन किया था. उस समय उसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था.
तीन नए मेंबर्स समिति में आए
चेयरमैन के अलावा, अन्य आंतरिक सदस्य मॉनेटरी पॉलिसी के प्रभारी आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा और आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी विभाग के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन हैं. सरकार ने नीतिगत दर तय करने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति का मंगलवार को पुनर्गठन किया. इसमें दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक प्रो. राम सिंह, अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य और नई दिल्ली स्थित औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक और मुख्य कार्यपालक डॉ. नागेश कुमार इसके बाह्य सदस्य बनाए गए हैं.
क्या है तीन नए मेंबर्स की हिस्ट्री
प्रो. राम सिंह सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पीएचडी और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टरेट (अर्थशास्त्र) की डिग्री ली है. उन्होंने बुसेरियस लॉ स्कूल, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय (जर्मनी) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाया है. सौगत भट्टाचार्य सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के सीनियर फेलो हैं. उनके पास आर्थिक और वित्तीय बाजार विश्लेषण, बुनियादी ढांचा और परियोजना वित्त, उपभोक्ता व्यवहार और विश्लेषण में 30 साल से अधिक का अनुभव है. भट्टाचार्य ने सीपीआर में शामिल होने से पहले एक्सिस बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया.
तीसरे सदस्य नागेश कुमार इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (आईएसआईडी) के निदेशक और मुख्य कार्यपालक हैं. मई, 2021 में यह भूमिका संभालने से पहले कुमार ने एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) में निदेशक के रूप में कार्य किया. कुमार ने 2002-2009 के दौरान विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले शोध संस्थान विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया. एमपीसी के दो पदेन सदस्यों गवर्नर दास और डिप्टी गवर्नर पात्रा का विस्तारित कार्यकाल क्रमशः दिसंबर और जनवरी में समाप्त हो रहा है.