45 साल बाद कोई भारतीय PM जा रहा पोलैंड, स्थानीय मीडिया में कितना क्रेज?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोलैंड दौरा 21 और 22 अगस्त को होने वाला है. पीएम का ये दौरा खास इसलिए है क्योंकि किसी भारतीय PM का 45 सालों में ये पहला दौरा है. ये यात्रा भारतीय-पोलिश संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल ही दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं.
पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मोहम्मद मलिक ने कहा, “मुझे लगता है कि ये एक बहुत ही रोमांचक और महत्वपूर्ण यात्रा है. पोलिश मीडिया में पीएम मोदी का देश आना टॉप स्टोरी है. ये सभी अखबारों और हर जगह पहले पन्ने पर है. पीएम मोदी की अंतरराष्ट्रीय हैसियत और उनकी प्रोफ़ाइल के कारण ये उत्साह है. ये यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पोलैंड मध्य यूरोप का एक महत्वपूर्ण देश है. ये यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण सदस्य भी है. हमारा द्विपक्षीय व्यापार बहुत अच्छा और बढ़ रहा है.
पोलैंड में भारतीय समुदाय की एक नौ साल की बच्ची वान्या ने कहा, “मैं मोदी जी को पसंद करती हूं क्योंकि वे बच्चों से प्यार करते हैं और बहुत दयालु हैं.” वहीं, एक अन्य प्रवासी ने कहा, “ये यात्रा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हम सभी इस पल का इंतजार कर रहे हैं.”
दोनों देश के बीच का कारोबार
भारतीय राजदूत नगमा ने आगे कहा कि लगभग 6 बिलियन डॉलर का कारोबार दोनों देशों के बीच है. हमारे यहां लगभग 3 बिलियन डॉलर का भारतीय निवेश है. पोलिश निवेशकों ने भी भारत में लगभग एक बिलियन डॉलर का निवेश किया है. वे लोग जिन्होंने अपना बचपन भारत में बिताया और जो अब खुद को इंडियानापोलिस कहते हैं.
भारतीय छात्रों के लिए क्यों जरूरी पीएम की यात्रा
पोलैंड की यात्रा के दौरान पीएम मोदी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच तकनीकी, सुरक्षा और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा हो सकती है. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम की ये यात्रा भारतीय छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि पोलैंड में भारतीय छात्रों की संख्या लगभग 5,000 है.
1979 के बाद कोई भारतीय पीएम जा रहा
1979 में मोरारजी देसाई के बाद से कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड नहीं गया है. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों की खोज करना है. पोलैंड के शीर्ष राजनयिक सेबास्टियन डोमज़ाल्स्की ने कहा है कि यह यात्रा न केवल एक नया अध्याय लिखेगी, बल्कि एक नई किताब की शुरुआत भी करेगी, जिसमें भारत और पोलैंड के बीच सहयोग की नई संभावनाएं होंगी.