5 साल की जेल, 10 लाख का जुर्माना… पेपर लीक को लेकर शिंदे सरकार ने लाई विधेयक

नीट पेपर लीक की सीबीआई जांच के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए एक विधेयक पेश किया है. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकना है. इस विधेयक पेपर लीक या फिर गड़बड़ियों के लिए दोषी पाए जाने वालों को 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है.
विधानसभा में मंत्री शंभूराज देसाई ने ‘महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ विधेयक पेश किया. विधेयक में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य होंगे. प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों और अपराधों में लिप्त पाए जाने वालों को कम से कम तीन साल के कैद की सजा दी जाएगी. जिसे बढ़ाकर पांच साल किया जा सकता है और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
जुर्माना न भरने पर लागू होगा ये प्रावधान
जुर्माना न भरने करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी. विधेयक में प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन में व्यवधान से बचने के लिए प्रावधान करना, प्रश्न पत्र तैयार करने वालों के कर्तव्यों को तय करना, अपराध की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त से नीचे के रैंक के अधिकारियों को सशक्त बनाना शामिल है.
दो राज्यों में डेरा डाले हुई है सीबीआई
नीट पेपर लीक मामले में बिहार से लेकर गुजरात सीबीआई जांच चल रही है. सीबीआई की एक टीम बिहार की राजधानी पटना में डेरा डाले हुई है जबकि दूसरी गुजरात के गोधरा में है. सीबीआई की ओर से अब तक कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.
पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही सुनवाई
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय हलफनामा दाखिल किया. जिसमें सफाई दी है कि सरकार और उसके निकाय सभी प्रतियोगी परीक्षाएं सही और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध है. परीक्षाओं के मद्देनजर प्रश्न पत्रों को गोपनीय रखना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. सरकार ने कहा कि जिन आपराधिक तत्वों ने प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग की है. उन्हें कानून की पूरी ताकत के साथ कदम उठाकर सरकार सजा दिलाएगी.

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