5,800 किलोमीटर दूर से जीडीपी पर आई बैड न्यूज, ये हुई भविष्यवाणी
नई दिल्ली से 5800 किलोमीटर दूर टोक्यो से भारती की इकोनॉमी को लेकर नई भविष्यवाणी हुई है. ये भविष्यवाणी टोक्यो से हुई है. जहां पर ब्रोकरेज फर्म नॉमुरा का हेडक्वार्टर है. ब्रोकरेज फर्म ने भविष्यवाणी की गई है कि वित्त वर्ष 2025 में देश की इकोनॉमी की ग्रोथ स्लो रह सकती है. ये नई भविष्यवाणी आरबीआई के अनुमान से करीब 50 बेसिस प्वाइंट्स कम आंकी गई है. इससे पहले नॉमूरा ने भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.9 फीसदी थी. वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने 7.2 फीसदी का अनुमान लगाया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर नॉमूरा की ओर से क्या कहा गया है.
नॉमुरा का अनुमान में किया बदलाव
दुनिया की बड़ी ब्रोकरेज फर्म में से एक नोमुरा ने मंगलवार को अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ रेट नरम होकर 6.7 फीसरी हो जाएगी, जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक के 7.2 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है और वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी के 7.2 फीसदी के अनुमान से नीचे जाने का जोखिम है. नॉमुरा का कहना है कि मौजूदा समय में इकोनॉमी को लेकर जो संकेत मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं वो मिक्स्ड है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और ग्रामीण मांग सकारात्मक है, लेकिन उपभोक्ता विवेकाधीन मांग, औद्योगिक मांग और बाहरी मांग में नरमी नेगेटिव है.
पहले कैसे रहे आंकड़ें
वित्त वर्ष 24 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2% बढ़ी, जो दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी बनी हुई है. हालांकि, वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून अवधि में इसकी वृद्धि एक साल पहले की तुलना में 5-तिमाही के निचले स्तर 6.7 फीसदी पर आ गई. क्योंकि कृषि और व्यापार-संबंधी सेवाओं का उत्पादन कम हो गया था. नोमुरा ने कहा कि साइकलिक ग्रोथ आकलन करने के लिए पैसेंजर व्हीकल (पीवी) और मिड और हैवी कमर्शियल व्हीकल (एमएचसीवी) की सेल्स महत्वपूर्ण है. पीवी विवेकाधीन उपभोक्ता मांग का संकेत देते हैं, जबकि एमएचसीवी की बिक्री ओवरऑल इंडस्ट्रीयल एक्टीविटी के लिए एक हाई बीटा है.
पीवी सेल्स में कितनी गिरावट
नॉमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त में पीवी और एमएचसीवी दोनों की सेल्स ने काफी निराश किया है. महामारी के बाद की मांग में कमी, उच्च ब्याज दरों और चुनावों के कारण सरकारी खर्च में मंदी की वजह से ग्रोथ में कमी देखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर थोक पीवी सेल्स ग्रोथ जुलाई में 2 फीसदी और अगस्त में 2.5 फीसदी गिर गई, एमएचसीवी सेल्स ग्रोथ क्रमशः 7.1 फीसदी और 10.7 फीसदी गिर गई. पीवी के स्टॉक में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है. जो स्टॉक डेज मई में 55-60 दिन थे वो बढ़कर अगस्त में 70-75 दिन तक हो गए हैं. अब उम्मीदें त्योहारी सीजन पर टिकी हैं.
वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जताया था भरोसा
पिछले हफ्ते, विश्व बैंक ने कृषि क्षेत्र, निजी खपत और ग्रामीण मांग में सुधार के कारण वित्त वर्ष 2025 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास अनुमान को पहले अनुमानित 6.6 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया था. मूडीज ने भी भारत के लिए अपने आर्थिक विकास पूर्वानुमान को 2024 में 7.2 फीसदी और 2025 में 6.6 फीसदी तक बढ़ा दिया है. वैसे जानकारों का कहना है कि आने वाले महीनों में ग्रोथ में इजाफा देखने को मिल सकता है, लेकिन जियो पॉलिटिकल टेंशन, अमेरिकी क्राइसिस और अमेरिकी प्रेसीडेंशियल इलेक्शन भी एक अहम कारण माना जा रहा है.