6 राज्यों के 15 ठिकानों पर NIA की रेड, ह्यूमन ट्रैफिकिंग-साइबर फ्रॉड मामले में 5 गिरफ्तार

ह्यूमन ट्रैफिकिंग और साइबर फ्रॉड मामले में देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छापेमारी की गई है. छह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश के करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में यह रेड डाली गई, उनमें महाराष्ट्र. उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ शामिल हैं.
वहीं, इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें गुजरात के वडोदरा में मनीष हिंगू, बिहार के गोपालगंज से पहलाद सिंह, साउथ वेस्ट दिल्ली से नाबियालम राय, गुरुग्राम से बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ से सरताज सिंह के नाम शामिल हैं. इस छापेमारी को लेकर एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि आठ फ्रेश FIR दर्ज की की गई हैं.
छापेमारी के दौरान डॉक्यूमेंट्स समेत कई सामान जब्त
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि सेंट्रल जांच एजेंसी ने सभी ठिकानों पर राज्य की पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ एक कोऑर्डिनेटेड ऑपरेशन चलाया. छापेमारी के दौरान डॉक्यूमेंट्स, डिजिटल डिवाइस, रजिस्टर, कई पासपोर्ट, फर्जी विदेशी अपॉइंटमेंट लेटर सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई.

National Investigation Agency (NIA) arrested five accused after multi-state searches conducted jointly by NIA and state police in a Human Trafficking & cyber fraud case: NIA pic.twitter.com/F0LPH5Atxe
— ANI (@ANI) May 28, 2024

साइबर अपराध के लिए युवाओं को किया जाता था मजबूर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आगे बताया कि आरोपी भारतीय युवाओं को रोजगार का झूठा वादा कर विदेश भेजने के लिए राजी करते थे. गिरोह द्वारा ले जाए गए युवाओं को गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ), लाओस और कंबोडिया सहित अन्य देशों में साइबर अपराध के लिए संचालित फर्जी कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. उन्हें ऑनलाइन इलीगल एक्टिविटिज जैसे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, फर्जी एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट, हनी ट्रैपिंग करने के लिए मजबूर किया गया.
गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ समन्वय कर रहे थे. ये लोग विदेश एजेंटों के इशारे पर महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के जिलों में काम कर रहे थे.
NIA ने 13 मई को मुंबई पुलिस से लिया था यह केस
एनआईए ने 13 मई 2024 को मुंबई पुलिस से यह मामला अपने हाथ में ले लिया था. इस मामले को अपने जिम्मे लेने के बाद जांच एजेंसी ने यह पाया कि मानव तस्करी सिंडिकेट केवल मुंबई में नहीं चल रहा था, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों और सीमा पार अन्य मददगारों और तस्करों के साथ इसके संबंध थे.

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