60000 लगाकर खड़ी की कंपनी, आज हजारों करोड़ में है इनकम, भारतीयों के दिल पर करते हैं राज
पार्ले-जी बिस्कुट कंपनी के बारे शायद ही ऐसा कोई होगा, जो नहीं जानता होगा. यह बिस्कुट देश के हर दिल में बसता है. चौहान फैमली की मालिकाना हक वाली कंपनी देश में उस वक्त लांन्च हुई थी जब यहां पर अंग्रेजो का शासन था और बिस्कुट को बड़े लोगों का खाद्य पदार्थ माना जाता था, क्योंकि देश में गरीब तबका अफोर्ड नहीं कर सकता था. उस दौरान हाईड एंड सीक, मैरी और अन्य बिस्कुट के ब्रांड लोकप्रिय थे.
1920 का दशक और साल 1928, जब गुजरात के मोहनदयाल चौहान नाम के एक शख्स ने कैंडी यानी चॉकलेट की कंपनी शुरू की, मात्र 10 साल में उन्होंने बिस्कुट के मार्केट पर फोकस करना शुरू किया. उन्हें पता था देश की एक बड़ी आबादी गरीब है, यह महंगे ब्रांड के बिस्कुट खरीद नहीं सकती इसलिए देशी और सस्ता मूल्य वाले प्रोडक्ट को लांन्च करने की प्लानिंग की.
60 हजार से शुरू हुई कंपनी
गुजरात के रहने वाले मोहनलाल चौहान ने 1920 के दशक में पार्ले-जी की स्थापना की. मानेकलाल, पीतांबर, नरोत्तम, कांतिलाल और जयंतीलाल पार्ले-जी के संस्थापकों में ही थे. ये सभी अपने पिता की दुकान में सहयोग करते थे. देश के बड़े बिजनेसमैन का ख्वाब रखने वाले मोहनलाल चौहान अपनी दुकान की बचत में से 60 हजार लेकर जर्मनी से मशीनें आयात किया और यहां से शुरू हुई पार्ले-जी कहानी.
आजादी के बाद मिली सफलता
साल 1928 में चॉकलेट या कैंडी कंपनी के रूप में शुरू हुई ये कंपनी 10 साल बाद बिस्कुट के बाजार में उतरी, लेकिन इसे सफलता आजादी के बाद मिली. इनकी कंपनी ब्रिटिश स्नैक्स कंपनियों का एकमात्र किफायती विकल्प था. बिस्कुट के बाजार में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद सॉफ्ट ड्रिंक लांन्च किया. इसने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, लिम्का और फ्रूटी को कड़ी टक्कर देने लगा था.
दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्कुट
पार्ले-जी बिस्कुट को उनकी कम लागत और लगातार स्वाद के कारण 2011 में नीलसन रिपोर्ट द्वारा दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला बिस्किट नामित किया गया था. वर्तमान में, विजय चौहान और उनका परिवार- कंपनी के संस्थापक मोहनलाल चौहान के पोते और रिश्तेदार पारले प्रोडक्ट्स और पारले जी को मैनेज करते हैं.
45 हजार करोड़ की इनकम
पारले प्रोडक्ट्स का नेतृत्व अब विजय, शरद और राज चौहान कर रहे हैं जो पारले-जी, 20-20, मैगिक्स, मिल्कशक्ति, मेलोडी, मैंगो बाइट, पोपिन्स, लंदनडेरी, किस्मी टॉफ़ी बार, मोनाको और क्रैकजैक जैसे ब्रांडों की देखभाल करते हैं. फोर्ब्स 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, विजय चौहान और उनके परिवार की वर्तमान में कुल संपत्ति 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 45,579 करोड़ रुपये है.