69 हजार टीचर भर्ती मामले में योगी सरकार को झटका, तीन माह में जारी करनी होगी संशोधित लिस्ट
यूपी में 69 हज़ार टीचरों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है. अदालत की डबल बेंच ने यूपी सरकार से तीन महीने में आरक्षण के फ़ार्मूले के अनुसार मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा है.
जस्टिस ए आर मसूरी और जस्टिस ब्रजराज सिंह की कोर्ट ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया. इसमें सरकार को आरक्षण के फॉर्मूले के अनुसार तीन माह में संशोधित लिस्ट जारी करने का आदेश दिया गया है.
योगी सरकार पर लगते रहे हैं आरोप
टीचरों की भर्ती के मामले में ओबीसी कोटे में रिज़र्वेशन देने में गड़बड़ी के आरोप योगी सरकार पर लगते रहे हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी ये मामला उठा चुके हैं. इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल भी योगी सरकार पर पिछड़ों की अनदेखी करने के आरोप लगा चुके हैं.
ये है छात्रों का आरोप
सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट जाने वाले स्टूडेंट्स का आरोप है कि ओबीसी कोटे से सिर्फ़ 18598 लोगों को नौकरी मिली. जबकि रिज़र्वेशन के फ़ार्मूले के मुताबिक़ 19 हज़ार और भी लोगों को इस कोटे से नौकरी मिलनी चाहिए थी. ऐसा कट ऑफ मार्क ग़लत तरीक़े से तय करने के कारण हुआ है.
(खबर अपडेट की जा रही है)