76 हजार करोड़ का है Vadhvan Port प्रोजेक्ट, ऐसे बदलेगी महाराष्ट्र की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई और पालघर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. पीएम मोदी लगभग 76,000 करोड़ रुपए की लागत वाली Vadhvan Port प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी किया. इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य एक विश्व स्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है. इसके बनने से देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. वाढवण बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा. यह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे ट्रांजिट समय और लागत को कम किया जा सकेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र की तस्वीर कैसे बदल जाएगी.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य
वाढवण पोर्ट महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू शहर के नजदीक तैयार किया जा रहा है. इस पोर्ट के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य एक वर्ल्ड क्लास समुद्री एंट्री प्वाइंट स्थापित करना है. इस पोर्ट के निर्माण के बाद देश के कारोबार और इकोनॉमिक ग्रोथ में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. खास बात तो ये है कि वाढवण पोर्ट देश का 13वां पोर्ट होगा. जबकि पहला ऑफशोर पोर्ट होने जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि इस पोर्ट पर किसी भी मौसम का असर देखने को नहीं मिलेगा. सभी मौसम के अनुकूल ये पोर्ट हमेशा ओपन रहेगा. वहीं दूसरी ओर वाढवण पोर्ट गहरे पानी में स्थित सबसे बड़े पोर्ट में से एक होगा. इस पोर्ट का ड्राफ्ट 80 मीटर से ज्यादा होगा जिससे बड़े कंटेनर की आवाजाही आसानी से हो सकेगी.
सी कनेक्टीविटी में होगा इजाफा
इस पोर्ट के निर्माण के बाद देश की सी कनेक्टीविटी में इजाफा होगा. खास बात तो ये है कि इस पोर्ट से इंटरनेशनल शिपिंग रूट्स की कनेक्टीविटी हो सकेगी. जिसकी वजह से ट्रांजिट टाइम और कॉस्ट दोनों में कमी देखने को मिलेगी. इस पोर्ट में एडवांस तकनीक और इंफ्रा देखने को मिलेगा. इसमें गहरे बर्थ, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएं और एडवांस पोर्ट मैनेज्मेंट सिस्टम शामिल होगा. जब से पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो दुनिया के टॉप 10 कंटेनर पोर्ट में से एक होगा. वाढवण पोर्ट के कंस्ट्रक्शन को दो फेज में पूरा किया जाएगा. पहले फेज का निर्माण 2029 तक पूरा होगा और दूसरे फेज को कंप्लीट होने में 2039 तक का समय लगने की उम्मीद है.
जॉब की होगी बारिश
इस पोर्ट के निर्माण से हजारों लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब मिल सकेंगी. इस पोर्ट के निर्माण के बाद लोकल बिजनेस को काफी फायदा हो सकेगा. इसके अलावा आसपास क्षेत्र का ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र की इकोनॉमी को काफी फायदा मिलने की उम्मीद है. इस पोर्ट प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और सख्त इकोलॉजिकल स्टैंडर्ड का पालन करने को कीा गया है. इस पोर्ट के शुरू होने के बाद भारत की ग्लोबल बिजनेस सेंटर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.
कौन कर रहा है इस पोर्ट का निर्माण
वाढवण पोर्ट को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की ओर से गठित ऑर्गनाइजेशन कर रही है. इस ऑर्गनाइजेशन का नाम वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड रखा गया है. वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी की हिस्सेदारी 74 फीसदी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के पास 26 फीसदी हिस्सेदारी है. इस पोर्ट को पीपीपी प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किया जा रहा है. इस बंदरगाह की क्षमता 15 मिलियन टीईयू होगी.