8 साल पहले रची गई साजिश, टूलकिट से अंजाम… बांग्लादेश में तख्तापलट को लेकर बड़ा खुलासा

बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट अचानक नहीं हुआ, बल्कि ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) की सालों की साजिश का अंजाम माना जा रहा है. आईएसआई कई सालों से बांग्लादेश में भारत विरोधी सरकार स्थापित करना चाहती थी जिसके लिए बाकायदा ISI ने फुलप्रूफ साजिश का ब्लूप्रिंट तैयार किया था. साजिश को अंजाम देने के लिए एक टूलकिट तैयार की गई.
आईएसआई की इस टूलकिट को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए इस्तेमाल किया गया. आज हम आपको आईएसआई की उसी टूलकिट से जुड़े कुछ सबूत दिखाने जा रहे हैं, जिसे देखकर ये साफ हो जाएगा कि शेख हसीना सरकार के खिलाफ के तार एक रात में नहीं बुने गए बल्कि सालों से ISI अपने मकसद पर काम कर रही थी.
पिछले 6 महीने में साजिश को दिया अंजाम
पिछले 6 महीने में ISI ने बंगलादेश में अपनी पैठ मजबूत की और वहां मौजूद छात्र संगठनों को भड़काकर हथियार की तरह इस्तेमाल किया. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट करने के लिए करीब आठ साल पहले यानी 2017 में वहां के माहौल में कट्टरपंथ का जहर घोलना शुरू किया. इसका जिम्मा दिया ISIS खुरासान को.

ISIS ने ऑपरेशन को नाम दिया विलायाह अल हिंद
इस ऑपरेशन के तहत टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर कई ग्रुप बनाए गए
ग्रुप में बांग्लादेश के कई छात्र और अन्य कट्टरपंथी संगठनों को जोड़ा गया
इन ग्रुप में खिलाफत कायम करने के लिए जंग छेड़ने की बात बोली जाती थी
हिंदुओ को कुफ्र करने वाला बताकर जान से मारने का आदेश दिया जाता था

टेलीग्राम के जरिए मिलते थे निर्देश
सबसे पहले ISI के इशारे पर साल 2017 में ग्री नबर्ड नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप तैयार किया गया. इस ग्रुप को जॉइन करने के लिए टेलीग्राम बॉट (bot) के माध्यम से शामिल होने पर एक बंगाल 313 नाम से एक प्राइवेट ग्रुप मिलता था. जहां जुड़ने के बाद उन्हें बहुत से ऐसे ग्रुप दिए जाते थे जोकी इस्लामी स्टेट के माध्यम से चलाए जा रहे थे.
ग्रुप के मेंबर ज्यादातर बांग्लादेश के नौजवान होते थे जिन्हें मैसेज दिया जाता था कि कुफ्र करने वालो को अल्लाह ने मारने का आदेश दिया है. इन्हीं में से एक ग्रुप ‘इस्लामी बुक्स’ में मुस्लिम को हिंदुओं के खिलाफ लिखी गई किताबे और भड़काऊ साहित्य भेजे जाते थे. जहां उन्हें हिंदुओं को खत्म कर खुरासन बनाने की बात की जाती थी.
ग्रुप में ही हथियार बनाने की दी जाती थी ट्रेनिंग
बांग्लादेश के नौजवानों के ब्रेनवॉश कर जिहादियों को टेलीग्राम का @tfbhhh लिंक शेयर कर बात करने की कहा जाता है. इसके बाद उन्हें अल मुतर्जरिम का एक लिंक मुहैया करवाया जाता था जहां शामिल होने के बाद उन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांट दिया जाता है. इन ग्रुप में शामिल सभी लोगों को हथियार बनाना और उनका उपयोग करना बताया जाता था.

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