9 साल की उम्र में पिता को खोया, मां को हुआ कैंसर, फिर भी नहीं रुकी दंगल क्वीन, अब ओलंपिक में लहराएगी परचम
पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से होने जा रहा है. जो कुल 17 दिनों तक चलेगा. भारत के 100 से ज्यादा एथलीट्स खेलों के सबसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. इनमें रेसलर विनेश फोगाट का नाम भी शामिल है. विनेश फोगाट का यह तीसरा ओलंपिक है. लेकिन वह अभी तक एक बार भी ओलंपिक में मेडल नहीं जीत सकी है. इस बार फैंस को उनसे काफी ज्यादा उम्मीद है. वह 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उतरने वाली हैं. वह इस बार मेडल की खोज पूरी करना चाहेगी.
सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ जन्म
25 अगस्त 194 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ था. उनका जन्म भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ, जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है. बहुत कम उम्र में ही फोगाट इस खेल से परिचित हो गई थीं. विनेश फोगाट अपने करियर में अभी तक कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं. लेकिन उनके संघर्ष की कहानी काफी कम लोग जाने हैं. विनेश फोगाट ने कुश्ती में अपनी पहचाने बनाने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना किया है.
छोटी सी उम्र में पिता को खोया
विनेश फोगाट को सिर्फ नौ साल की उम्र में अपने पिता के निधन का सदमा झेलना पड़ा था. उनके पिता राजपाल सिंह फोगाट की मौत कैंसर से हो गई थी. विनेश पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा था जब इनके सर से पिता का साया छिनने के बाद इनकी मान प्रेमलता को भी कैंसर हो गया था. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. इसके बाद विनेश के सपनों को साकार किया उनके महावीर सिंह फोगाट ने जिन्होंने अपनी बेटियों गीता और बबीता को भी रेसलर बनाया. जब उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई तो उन्हें लगातार प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. बताया जाता है कि गलती होने पर मार भी पड़ती थी, जिसके चलते वह आज एक बड़ी खिलाड़ी बन सकी है.
2 बार की वर्ल्ड चैंपियनशिप हैं विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने इंटरनेशनल लेवल पर कई शानदार जीत हासिल की है. 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता. तब से लेकर अब तक वह 3 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल, एक एशियन गेम्स का गोल्ड, 2 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल, एक गोल्ड और 3 सिल्वर समेत एशियन चैंपियनशिप में कुल 8 मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.
ओलंपिक में परचम लहराएगी दंगल क्वीन.
चोट के बाद दमदार वापसी से जीता दिल
रियो ओलिंपिक 2016 में विनेश फोगाट मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदार थीं. लेकिन क्वाटर फाइनल में उनका घुटना मुड़ गया था, जिसके चलते वह मेडल जीतने ले चूक गई थीं. तब स्ट्रेचर पर उन्हें मैट से ले जाया गया था. ये कोई मामूली चोट नहीं गई थी. चोट से उबरने में उन्हें काफी लंबा समय लगा. इसके बाद 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के उन्होंने गोल्ड जीतकर दमदार वापसी की. चोट के बाद उनकी ये पहली बड़ी जीत थी. उसी साल एशियन गेम्स में भी विनेश ने गोल्ड जीता. वो एशियाड में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी हैं.
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न भी मिला
विनेश फोगाट को अपने शानदार खेल के लिए 2016 में अर्जुन अवॉर्ड और 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. वहीं, विनेश की शादी 13 दिसंबर 2018 को हुई. उनके पति सोमवीर राठी जींद के रहने वाले हैं. बता दें विनेश और सोमवीर एक दूसरे को 2011 से जानते थे. उनकी मुलाकात भारतीय रेलरोड के लिए काम करते समय हुई थी. वह भी पहलवानी में मेडल जीत चुके हैं. विनेश और सोमवीर की सगाई एयरपोर्ट की पार्किंग में हुई थी, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं.
विनेश फोगाट के बड़े सम्मान.
हाल ही में गोल्ड मेडल किया अपने नाम
विनेश फोगाट ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक से पहले फैंस को खुशी का एक मौका दिया. विनेश ने स्पेन ग्रां प्री में देश का परचम लहराया और महिलाओं के 50 किलोवर्ग का गोल्ड मेडल अपने नाम किया. विनेश ने फाइनल में मारिया तियुमेरेकोवा को 10-5 से हराकर पहला स्थान हासिल किया. विनेश ने इस साल फरवरी में जयपुर में आयोजित नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में भी गोल्ड जीतने में सफल रही थीं.