कई किलोमीटर दूर बैठकर डॉक्टरों ने मरीज का कैंसर ऑपरेशन किया, जानें क्या है ये तकनीक

मरीजों की सर्जरी अब कई तरह की नई तकनीकों से की जा रही है. इसी क्रम में टेली रोबोटिक सर्जरी भी एक ऐसी तकनीक है, जिससे कई किलोमीटर दूर बैठकर डॉक्टर मरीज की सर्जरी कर सकते हैं. दिल्ली के राजीव गाधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में टेलीसर्जरी के क्लीनिकल ट्रायल को पूरा किया है. इसमें डॉक्टरों ने टेली सर्जरी की मदद से छह सर्जरी की हैं. इसमें एक कैंसर मरीज का ऑपरेशन किया गया है. मरीज को यूरिनरी ब्लैडर कार्सिनोमा था. इसके हाद नेफ्रेक्टोमी, हिस्टरेक्टमी. सिस्टेक्टमी की गई. इस ट्रायल से मरीजों के लिए टेलीसर्जरी की सुविधा का रास्ता खुल गया है.
इस ट्रायल को राजीव गांधी कैंसर संस्थान में जेनिटो- यूरो ऑन्कोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ सुधीर रावल ने किया. उनके साथ कई अन्य डॉक्टर भी इस सर्जरी में शामि थे. बिना किसी गड़बड़ी के यह सर्जरी की गई. डॉ सुधीर ने कहा कि मरीज पर सर्जरी के ट्रायल के परिणाम सफल रहे. अब इससे टेली सर्जरी तकनीक का भविष्य अच्छा दिख रहा है.
क्या होती है टेली रोबोटिक सर्जरी
डॉ. सुधीर रावल के मुताबिक, इस तकनीक की मदद से मरीज की सर्जरी कई किलोमीटर दूर से हो जाती है. इसके लिए सर्जरी करने वाले डॉक्टर को मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं होती है. इसमें एक रोबोट की जरूरत होती है. जिन मरीज की सर्जरी होती है उसके पास एक कैमरा और सर्जरी के लिए जरूरी उपकणों को रखा जाता है. रोबोट की मदद से कैमरे को मरीज के शरीर में डाला जाता है. इस रोबोट को डॉक्टर अपने सेंटर से बैठकर कमांड देता है. रोबोट की मदद से सर्जरी हो जाती है. इसमें छोटा चीरा ही लगाना पड़ता है और खून भी कम बहता है. रिकवरी भी जल्दी हो जाती है.
5 जी स्पीड इंटरनेट की जरूरत
टेली रोबिटक सर्जरी के लिए 5 जी स्पीड वाले इंटरनेट सिस्टम की जरूरत होती है. सर्जरी के दौरान रोबोट के साथ मरीज के पास कुछ डॉक्टर भी होते हैं जो रोबोट की निगरानी करते हैं. जो डॉक्टर सेंटर से रोबोट को डायरेक्ट करता है उसकी आंखों पर एक काला चश्मा लगा होता है. डॉक्टर के हाथों में एक रिमोट कंट्रोल होता है. इससे ही रोबोट को कंट्रोल किया जाता है. रोबोटिक कार्ट से सर्जरी में काफी कम समय लगता है. अब ट्रायल सफल होने के बाद इस सर्जरी को अन्य मरीजों पर भी किया जा सकता है.

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