विनेश फोगाट सिल्वर मेडल की रेस में अभी भी बरकरार! जानें CAS कब सुनाएगा आखिरी फैसला
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट कुश्ती के अपने करियर को अलविदा कह चुकी हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने की दावेदार मानी जाने वाली विनेश फोगाट को फाइनल मैच से पहले ज्यादा वजन के चलते डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. विनेश ने महिला रेसलिंग की 50 किलोग्राम कैटेगरी में हिस्सा लिया था, लेकिन फाइनल से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला. विनेश ने अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ खेल की सबसे बड़ी अदालत कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी. CAS ने अब इस मुद्दे को लेकर एक प्रेस रिलीज जारी की है.
विनेश फोगाट ने की सिल्वर मेडल की मांग
विनेश फोगाट ने पहले फाइनल मैच खेलने की मांग की थी लेकिन उनकी अपील पर CAS ने कहा कि वह इस मुकाबले को नहीं रोक सकते जिसके बाद फोगाट ने संयुक्त सिल्वर मेडल की मांग की थी. अब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि विनेश फोगाट की अयोग्यता के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला ओलंपिक खेलों के समाप्त होने से पहले लिया जाएगा.
CAS confirms the decision taken by the World Athletics Disciplinary Tribunal in relation to Norah Jeruto (Kazakhstan)
pic.twitter.com/xRibVXWPu6
— Arbitral du Sport (@ArbitralduSport) June 26, 2024
कौन लड़ रहा है विनेश फोगाट का केस?
भारतीय ओलंपिक संघ ने CAS के समक्ष विनेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को नियुक्त किया है. भारतीय ओलंपिक संघ विनेश फोगट की अपील में सहायता कर रहा है. हरीश साल्वे भारत के प्रतिष्ठित और महंगे वकीलों में शुमार हैं. वह बड़े-बड़े केस लड़ने को लेकर अक्सर ही सुर्खियों में बने रहते हैं. 68 साल की उम्र में भी वह काफी एक्टिव हैं.
क्या है कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स?
CAS एक स्वतंत्र संस्था है जिसकी स्थापना 1984 में खेल-संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए की गई थी. इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लुसैन में है और इसकी अदालतें न्यूयॉर्क शहर और सिडनी में हैं, जबकि ओलंपिक मेजबान शहरों में अस्थायी अदालतें स्थापित की गई हैं. बता दें, सीएएस किसी भी खेल संगठन से स्वतंत्र है. कई खेल विवादों में सीएएस का आखिरी फैसला होता है, कुछ परिस्थितियों में स्विटजरलैंड के संघीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है.