नई दिल्ली: 2030 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य; ‘शुगर कॉन्क्लेव’ में बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नई दिल्ली में ‘शुगर कॉन्क्लेव एवं राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार 2022-23’ समारोह को संबोधित किया. इस दौरान शाह ने इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि, किसानों और देश में सहकारिता की लंबे समय से चली आ रही मांग पर चर्चा की. अमित शाह देश के पहले सहकारिता मंत्री हैं.
समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हमारा देश सहकारिता आंदोलन का गवाह रहा है और सहकारिता लंबे समय से हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रही है. आजादी के बाद से ही देश में अलग से सहकारिता मंत्रालय की मांग हो रही थी. उन्होंने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के हृदय से आभारी हैं कि उन्होंने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए इसके लिए अलग से मंत्रालय बनाया.
2030 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य
सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है. उन्होंने कहा कि महज 10 वर्षों में हमने गन्ना उत्पादन का क्षेत्रफल वर्ष 2013-14 के 50 लाख हेक्टेयर से करीब 18 प्रतिशत बढ़ाकर 60 लाख हेक्टेयर करने में सफलता हासिल की है. गन्ना उत्पादन 2013-14 के 352 मिलियन टन से 40 प्रतिशत बढ़कर 491 मिलियन टन हो गया है.
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उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादन में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2013-14 में इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का कोई उपयोग नहीं किया गया था, जबकि अब इथेनॉल उत्पादन के लिए 4.5 मिलियन टन चीनी के उपयोग की अनुमति दी जा रही है. शाह ने कहा कि चीनी उद्योग पहले 38 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करता था. अब यह बढ़कर 370 करोड़ लीटर हो गया है. शाह ने कहा कि इसका सीधा लाभ किसानों की जेब में गया है.
शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है. लेकिन हम इस लक्ष्य को 2025-26 से बहुत पहले ही हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा कि लगभग 5,000 करोड़ लीटर पेट्रोल की बिक्री में से इथेनॉल की आवश्यकता एक हजार करोड़ लीटर होगी. इथेनॉल मिश्रण पर मोदी सरकार के नीतिगत निर्णय ने पेट्रोल के आयात बिल को कम कर दिया है.
समारोह में 92 सहकारी चीनी मिलों ने भाग लि
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब बायोफ्यूल अलायंस इथेनॉल मिश्रण के लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा करेगा, तो इसका सबसे बड़ा लाभ हमारे गन्ना किसानों और चीनी मिलों को होगा. अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सरकार ने चीनी मिलों के लिए भी काफी काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी मिलों को करीब 20 साल से लंबित 15,000 करोड़ रुपये के कर्ज से राहत दिलाई है.
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने गुड़ पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भविष्य की सोच के तहत नेफेड, कृभको, इफको आदि ने लक्ष्य रखा है कि ये संस्थाएं भी अगले 2 साल में अपने टर्नओवर में 25 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी. दक्षता पुरस्कार 2022-23 प्रतियोगिता के लिए देशभर से 92 सहकारी चीनी मिलों ने भाग लिया. पुरस्कार समारोह का आयोजन राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) लिमिटेड द्वारा किया गया.