मुनाफा कमाने और बदनाम करने की साजिश…हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

हिंडनबर्ग का भूत एक बार फिर लौट आया है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नई रिपोर्ट पेश की है, जिसके बाद आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो चुका है. जहां अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को गलत-बेबुनियाद बताया है और कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप मुनाफा कमाने की साजिश के तहत लगाए गए हैं. वहीं, इस रिपोर्ट पर अलग-अलग एक्सपर्ट्स ने भी अपनी राय देनी शुरू कर दी है. किसी का कहना है कि अमेरिकी रिसर्च फर्म ने मुनाफा कमाने के लिए आरोप लगाए हैं तो किसी का कहना है कि हिंडनबर्ग के द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें दम नहीं है. वे सिर्फ कीचड़ उछालने का प्रयास भर हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर एक्सपर्ट्स की राय…
कीचड़ उछालने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप में हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं- पुराने जमाने में जब ऋषि-मुनि यज्ञ करते थे, उस समय दानव यज्ञ को अपवित्र करने के लिए सामने आते थे. हिंडनबर्ग उसका परफेक्ट उदाहरण है. वो सिर्फ इस उम्मीद में कीचड़ उछाला जा रहा है कि उससे सामने वाला गंदा हो जाएगा. शुक्र है कि अब सोशल मीडिया है. अब ऐसे नैरेटिव को तुरंत पकड़ लिया जाता है.
सेबी ने खारिज किए दावे
हिंडनबर्ग ने ताजे मामले में बाजार नियामक सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के ऊपर अडानी ग्रुप के साथ वित्तीय संबंध का आरोप लगाया है. हालांकि दोनों पति-पत्नी ने बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है. अडानी ग्रुप ने भी शेयर बाजारों को अपनी प्रतिक्रिया भेजते हुए कहा है कि सेबी चीफ के साथ उसका कोई कमर्शियल रिलेशन नहीं है.
हिट जॉब है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
इस बीच भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार (2018-21) केवी सुब्रमण्यम ने भी हिंडनबर्ग मामले में अपनी राय रखी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर बताया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट वास्तव में एक हिट जॉब है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि मैं सेबी चेयरपर्सन माधबी को व्यक्तिगत रूप से लगभग दो दशक से जानता हूं. उनकी जगजाहिर ईमानदारी और बौद्धिक क्षमता को देखते हुए मुझे पूरा यकीन है कि वह हिंडनबर्ग के इस हमले (हिट जॉब) को तितर-बितर कर देंगी.
उन्होंने ऑफिस ऑफ भगवान उवाच नाम के एक हैंडल का थ्रेड भी शेयर किया है. पूर्व आर्थिक सलाहकार का कहना है- यूजर का थ्रेड अच्छे से समझाता है कि कैसे हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में बौद्धिक बातों का अभाव है और पूरी रिपोर्ट एक हिट जॉब भर है. केवी सुब्रमण्यम अडानी समूह के ऊपर डेढ़ साल पहले हिंडनबर्ग के द्वारा किए गए हमले को भी खारिज कर चुके हैं. उन्होंने उस समय भी हिंडनबर्ग के प्रयासों को हिट जॉब बताया था.
अडानी बहाना, भारतीय अर्थव्यवस्था है असली निशाना
इसी तरह वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने भी एक बयान में कहा कि हिंडनबर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था को निशाना बना रहा है और उसे तबाह करने के लिए बार-बार सनसनी बना रहा है. अडानी समूह सिर्फ बहाना है, हिंडनबर्ग का असली निशाना भारतीय अर्थव्यवस्था है, भारतीय शेयर बाजार है.
क्या है मामला?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कल यानी शनिवार को अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट शेयर की थी. हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि व्हिसलब्लोअर से मिले डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच के पास ठीक उसी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने किया था.
पिछले साल रिपोर्ट के बाद हुआ था अडानी ग्रुप को नुकसान
पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. अडानी को 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था. बता दें कि हाल ही में सेबी ने हिंडनबर्ग को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *