SEBI की प्रतिष्ठा को ‘गंभीर खतरा’, छोटे निवेशकों की जिम्मेदारी कौन लेगा- हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल ने दागे सवाल

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से देश में राजनीति तेज हो गई है. रिपोर्ट में प्रतिभूति नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगाए गए आरोप के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सेबी की प्रतिष्ठा को इसके प्रमुख पर लगे आरोपों से “गंभीर रूप से खतरा” पहुंचा है. साथ ही यह भी पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले को एक बार फिर से स्वतः संज्ञान में लेगा.
राहुल गांधी ने आज रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक वीडियो पोस्ट पर कहा कि आरोपों से सेबी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. उन्होंने कहा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रतिभूति नियामक सेबी की प्रतिष्ठा को इसके प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से खतरा पहुंचा है.”
माधबी ने इस्तीफा क्यों नहीं दियाः राहुल
उन्होंने आगे कहा, “देशभर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए कई अहम सवाल हैं- सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा- पीएम मोदी, सेबी प्रमुख या गौतम अडानी?”

The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
– Why pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि सामने आए नए और “बहुत गंभीर” आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर से स्वतः संज्ञान लेगा? उन्होंने कहा, “अब यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है.”
खरगे ने भी की जेपीसी जांच की मांग
इससे पहले कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मामले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस बड़े घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किए जाने की जरूरत है.
हालांकि रिपोर्ट के बाद निशाने पर आई सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति के बारे में सब कुछ ओपन है. वहीं अडानी समूह ने इन नए आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं के हेरफेर पर आधारित बताया. कंपनी ने जोर देकर कहा कि उसका सेबी प्रमुख या उनके पति के साथ किसी तरह का कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने कल शनिवार को यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि सेबी की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच के पास कथित तौर पर अदानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी.

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