क्या अजीम प्रेमजी की Wipro में सब ठीक है? एक के बाद एक बड़े लोग छोड़ रहे कंपनी
दुनिया के सबसे बड़े दानवीरों में से एक अजीम प्रेमजी ने 90 के दशक में जिस कंपनी को खड़ा करके Wipro की किस्मत ही बदल दी और साबुन-तेल बेचने वाली कंपनी भारत की टॉप-आईटी कंपनियों में शामिल हो गई. क्या उस कंपनी में सब ठीक चल रहा है? कंपनी के निवेशकों के हित तो ध्यान में रखते हुए ये सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं क्योंकि हाल में कंपनी के कई सी-क्लास एग्जीक्यूटिव्स ने कंपनी छोड़ दी है. ताजा मामले में कंपनी की चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) शुभा टाटावर्ती ने भी इस्तीफा दे दिया है.
शुभा टाटावर्ती ने साल 2021 में ही विप्रो को जॉइन किया था. उनकी जॉइनिंग टेक्नोलॉजी चीफ के तौर पर हुई थी. अपने 3 साल के कार्यकाल में उन्होंने विप्रो के GenAI इनिशिएटिव का नेतृत्व किया. इसी के साथ Wipro AI360 की शुरुआत की.
शुभा ने इसलिए छोड़ी विप्रो
विप्रो ने स्टॉक मार्केट को जानकारी दी कि उसकी चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर शुभा टाटावर्ती ने विप्रो से बाहर नए अवसर तलाशने के लिए कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) श्रीनि पलिया को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि वह 16 अगस्त से विप्रो के सीटीओ पद से इस्तीफा दे रही हैं. आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं.
विप्रो से पहले शुभा टाटावर्ती ने पे-पाल और वॉलमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों में कई लीडरशिप पोजिशन पर काम किया. इस साल की शुरुआत में उन्हें WomenTech Network ने ‘Top 100 Executive Women in Tech to Watch’ लिस्ट में स्थान दिया था. शुभा टाटावर्ती के जाने के साथ ही विप्रो में सीनियर पोजिशंस पर लोगों का जाना जारी है.
विप्रो से सी-एग्जीक्यूटिव्स का जाना जारी
सी-क्लास एग्जीक्यूटिव्स में कंपनी छोड़ने वाली शुभा टाटावर्ती पहली नहीं है. बल्कि बीते कुछ महीनों में इस तरह का ये चौथा इस्तीफा है. कंपनी के पूर्व सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर थिएरी डेलापोर्ट के इस्तीफे बाद कंपनी ने ये जिम्मेदारी श्रीनि पलिया को दी. अप्रैल में पलिया के सीईओ बनने के बाद सी-क्लास एग्जीक्यूटिव्स का 4 महीने में ये चौथा इस्तीफा है. इससे पहले विप्रो के चीफ सप्लाई ऑफिसर (CSO) अजीत महाले, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) अमित चौधरी और एशिया प्रशांत, भारत, पश्चिम एशिया व अफ्रीका के सीईओ अनीस चेन्चाह इस्तीफा दे चुके हैं.
इनमें से अधिकतर अधिकारियों ने विप्रो को तब जॉइन किया था, जब थिएरी डेलापोर्ट कंपनी के सीईओ थे. अप्रैल-जून तिमाही में विप्रो के कंसोलिडेटेड रिवेन्यू में 3.8 प्रतिशत की कमी आई थी और ये 21,963.80 करोड़ रुपए रह गया था. इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 3,003.2 करोड़ रुपए रहा.