OYO का क्या होगा? आईपीओ लाने से पहले कंपनी को तगड़ा झटका, 10 अरब डॉलर वैल्यू घटकर हो गई ढ़ाई अरब डॉलर
बजट होटल चेन चलाने वाली कंपनी OYO को तगड़ा झटका लगा है. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी ओयो आईपीओ लाने की तैयारी कर ही रही थी कि उससे पहले ही कंपनी बड़ी मुसीबत में फंस गई. दरअसल, बजट होटल कंपनी OYO के वैल्यूएशन में भारी गिरावट आ गई है. कभी कंपनी की वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर हुआ करती थी जो अब ढ़ाई अरब डॉलर के करीब ही रह गई है. आलम यह है कि ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने हालिया फंडिंग राउंड में 830 करोड़ रुपये का निवेश किया है. सिंगापुर की यूनिट पेशेंट कैपिटल के माध्यम से कंपनी के नवीनतम फंडिंग दौर में 830 करोड़ रुपये का यह पैसा निवेश किया गया है. इस निवेश की मदद से ओयो ने 1457 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं.
घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गई वैल्यूएशन
जानकारी के अनुसार, नए फंडिंग राउंड के बाद ओयो की वैल्यूएशन में लगभग 75 फीसदी की गिरावट आई है. साल 2019 में जहां ओयो की मार्केट वैल्यू 10 अरब डॉलर आंकी गई थी, वहीं अब इसकी वैल्यूएशन सिर्फ 2.4 अरब डॉलर रह गई है. फंडिंग की पहली किस्त के तौर पर 416.85 करोड़ रुपये जुलाई, 2024 में इनक्रेड वेल्थ के नेतृत्व में आए थे. इसके बाद 8 अगस्त को एक कंपनी की ईजीएम में शेयरहोल्डर्स ने 1047 करोड़ रुपये और जुटाने की मंजूरी दे दी थी.
जुलाई की वैल्यूएशन से भी नीचे हुआ फंडिंग राउंड
इस फंडिंग राउंड में इनक्रेड वेल्थ ने 76 करोड़ रुपये का निवेश किया है. मैनकाइंड फार्मा फैमिली के जेएंडए पार्टनर्स ने 120 करोड़ रुपये और एएसके ने 14 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके साथ ही कंपनी की वैल्यूएशन 2019 के 10 अरब डॉलर से घटकर 2.4 अरब डॉलर हो गई है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा एनालिसिस फर्म ट्रैक्सन ने जानकारी दी है कि 4 जुलाई, 2024 को ओयो की मार्केट वैल्यू 2.72 बिलियन डॉलर थी. फंडिंग राउंड में यह इस स्तर से भी नीचे चली गई है.
फ़िलहाल नहीं आएगा आईपीओ
सूत्रों के मुताबिक, अब ओयो का आईपीओ लंबे समय के लिए टल सकता है. कंपनी को उम्मीद है कि नए फंडिंग राउंड के बाद आने वाली तिमाहियों में उसका मुनाफा बढ़ने की पूरी उम्मीद है. अब कंपनी लगातार तिमाहियों में मुनाफा कमाने के बाद ही आईपीओ पर आगे बढ़ेगी. इसके साथ ही रितेश अग्रवाल ने ओयो में अपनी हिस्सेदारी भी कम करने का भरोसा दिलाया है. नई फंडिंग के बाद अब कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 32.57 फीसदी पहुंच जाने वाली है.