पेरेंट्स न करें ये गलतियां, बच्चों का कॉन्फिडेंस कम करती हैं ये बातें! एक्सपर्ट से जानिए

Parenting Boosts Confidence: पेरेंटिंग किसी बड़ी जिम्मेदारी से कम नहीं होती. पेरेंट्स की किसी भी तरह की लापरवाही बच्चों के भविष्य पर बुरा असर डाल सकती है. यही वजह है कि माता-पिता कई बार अपने बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर रोकते-टोकते हैं. पेरेंट्स का फोकस बच्चों की हर गलती सुधारने का होता है. ऐसे में कई बार बच्चों की सराहना ही नहीं की जाती है.
लाइफ कोच और संस्थापक, न्यूमरोवाणी सिद्धार्थ एस. कुमार कहते हैं कि बच्चों के विकास के लिए पॉजिटिव पेरेंटिंग का अहम रोल होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि माता-पिता के लिए ये जानना जरूरी है कि आप बच्चों के साथ जैसा व्यवहार करते हैं, वही उनका भविष्य भी तय करता है. पेरेंट्स का बात-बात पर बच्चों को डांटना उनके कॉन्फिडेंस पर असर पड़ता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पॉजीटिव पेरेंटिग क्या है और कैसे ये बच्चों का आत्म-विश्वास बढ़ा सकती है.
पॉजीटिव पेरेंटिंग
सिद्धार्थ कुमार कहते हैं कि पॉजीटिव पेरेंटिंग में सिर्फ बच्चों को रोकना-टोकना ही शामिल नहीं है, बल्कि उनके अच्छे कामों की तारीफ करना भी है. इससे उनका आत्म-विश्वास बढ़ता है. उन्हें शांति और प्यार से सही-गलत चीजों के बारे समझाएं. हर बार डांटना भी जरूरी नहीं है. है।
बच्चों का विकास
माता-पिता की परवरिश गहराई से एक बच्चे के आत्मविश्वास को आकार देती है, जो उनके आत्म-सम्मान, सामाजिक कौशल और समग्र कल्याण को प्रभावित करती है. पेरेंट्स का बच्चों कोसकारात्मक प्रोत्साहन देना जरूरी है, जो आत्म-मूल्य को बढ़ाता है. यथार्थवादी अपेक्षाएं निर्धारित करना बच्चों को सफलता प्राप्त करने में मदद करता है, जबकि स्वतंत्रता प्रदान करना उन्हें स्वायत्तता विकसित करने की अनुमति देता है.
बाहर की दुनिया है जरूरी
गलतियों के प्रति सहायक प्रतिक्रियाएं लचीलापन बढ़ाती हैं और भावनात्मक मान्यता आत्म-मूल्य को बढ़ावा देती है. वहीं, सामाजिक संपर्क को प्रोत्साहित करने से सामाजिक आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और सुसंगत सीमाएं आत्म-नियंत्रण सिखाती हैं. सकारात्मक आत्म-छवि को प्रोत्साहित करना आत्मविश्वास को मजबूत करता है, जिससे बच्चे जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं.
फॉलो करें ये टिप्स
अगर बच्चे से कोई गलती हो भी जाए, जिससे कोई भारी नुकसान न हो, तो ऐसी स्थिती में उन्हें प्यार से रही समझाएं. पॉजीटिव पेरेंटिंग के लिए जरूरी है कि आप कितने भी बिजी क्यों न हो, अपने बच्चों को समय दें. उनकी अचीवमेंट्स पर तारीफ करना न भूलें. छोटे बच्चों पर ज्यादा सख्ती करना भी उनकी ग्रोथ पर बाधा बन सकती है.

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