आइलैंड जिसने छीनी शेख हसीना की गद्दी, US और चीन की भी नजरें टिकी… क्यों है इतना खास?
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया जिसके बाद कई लोगों की मौत हो गई, तो कई गंभीर रूप से घायल हो गए. देश में नई अंतरिम सरकार बन चुकी है और पूर्व पीएम शेख हसीना इस वक्त भारत में शरण ली हुई हैं. शेख हसीना ने बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के पीछे अमेरिका के हाथ होने का दावा किया है. सेंट मार्टिन आइलैंड, इस विवाद की जड़ माना जा रहा है. इसी बीच, टीवी9 की टीम वहां पहुंची. बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर है ये स्पेशल आइलैंड स्थित है.
दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश सरकार ने विदेशियों को वहां जाने पर पाबंदी लगा दी है. शेख हसीना के मुताबिक इसी आइलैंड की वजह से उनकी गद्दी चली गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि सेंट मार्टिन आइलैंड जाने वाली बोट्स पर म्यांमार आर्मी गोलियां चलाती है. इस आइलैंड पर म्यांमार भी अपना दावा करता है.
चीन की भी नजरें
अमेरिका और म्यांमार के अलावा, सेंट मार्टिन आइलैंड पर चीन की भी नजरें बनी हुई हैं. ड्रैगन, बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर कई प्रोजेक्ट भी कर रहा है. टूरिज्म, इलेक्ट्रिसिटी, कंस्ट्रक्शन के कई प्रोजेक्ट के बहाने चीन इस इलाके में अपनी उपस्थिति बनाने की कोशिश कर रहा है. बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर छोटा सा जलिया द्वीप आइलैंड भी बना हुआ है. इस आइलैंड पर पर्यटन पार्क विकसित करने का टेंडर था थाईलैंड की एक कंपनी के पास है. लेकिन, चीन की शह पर म्यांमार ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगवा दी है. अब इस आइलैंड को विकसित करने के लिए बांग्लादेश ने चीन से मदद मांगी है. वहीं, चीन ने चालबाजी करके सेंट मार्टिन के करीब ली अपनी एंट्री कर ली है.
मार्टिन द्वीप पर अमेरिका की नजर क्यों
सेंट मार्टिन आइलैंड पर अमेरिका की नजर बहुत पहले से बनी हुई है. इसका रणनीति तौर पर भी बहुत महत्व है. द्वीप की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जो इसे रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण बनाती है. यहां, से दुनिया में कहीं भी समुद्र के रास्ते से जाया जा सकता है. इस द्वीप से न सिर्फ बंगाल की खाड़ी बल्कि आस-पास के पूरे इलाके पर नजर रखी जा सकती है.
यह बांग्लादेश का एकमात्र प्रवाल द्वीप है और अपने मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. इस द्वीप पर करीब 3,700 लोग रहते हैं. इनका मुख्य काम मछली पकड़ना, चावल और नारियल की खेती और समुद्री शैवाल की कटाई है. यहां से यह म्यांमार को निर्यात किया जाता है.