तहव्वुर राणा को अमेरिका की अदालत से झटका, भारत आने का रास्ता साफ!

साल 2008, तारीख 26 नवंबर.. जब मुंबई में हमलों से सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश में हलचल मच गई थी, इस हमले में 174 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे, जिसके बाद अब इस हमले के एक आरोपी तहव्वुर राणा को लेकर अमेरिका की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है.
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का नागरिक है लेकिन कनाडा में बिजनेस करता है. राणा को लेकर अमेरिका में लंबे समय से केस चल रहा है और अमेरिका राणा को भारत को सौंपने पर विचार कर रहा था.
कोर्ट ने क्या कहा
अमेरिका के कोर्ट ने तहव्वुर राणा को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि उसे प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) के तहत भारत को सौंपा जा सकता है, जिसके तहत फिर भारत उसको सजा दे सकेगा. अमेरिका की यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट ने 15 अगस्त को मुंबई हमलों को लेकर यह बड़ा फैसला सुनाया, अपने फैसले में उन्होंने कहा, अमेरिका आरोपी राणा को सजा देने के लिए भारत को उसको सौंपने की इजाजत देता है.
अपने फैसले में, पैनल ने यह भी माना कि भारत ने राणा पर हमले को लेकर लगाए गए आरोपों के लिए पुख्ता सबूत सामने रखे हैं. जजों के पैनल में तीन जज मिलन डी स्मिथ, ब्रिजेट एस बाडे और सिडनी ए फिट्ज़वाटर शामिल थे.
क्या है राणा पर आरोप
अमेरिका की जेल में बंद राणा मुंबई हमलों में संलिप्तता के आरोपों का सामना कर रहा है, उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था. इन आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी.
पहले भी लगे राणा पर कई आरोप
राणा मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन के समर्थन से संबंधित आरोपों का सामना कर रहा है, उस पर अमेरिकी जिला अदालत में मुकदमा चलाया गया था. एक जूरी ने राणा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन को सामग्री सहायता देने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए भी सामग्री सहायता पहुंचाने की साजिश रचने का दोषी ठहराया था, हालांकि वो साजिश नाकाम हो गई थी.

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