‘पांच के पेंच’ में फंसी टीम इंडिया, रोहित शर्मा-गौतम गंभीर कैसे सुलझाएंगे ये समस्या?
वैसे तो टीम इंडिया को अपनी नई सीरीज खेलने में अभी एक महीना इंतजार करना है. फिलहाल कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर समेत सभी खिलाड़ी आराम फरमा रहे हैं, क्योंकि अगली सीरीज के बाद उन्हें ये ब्रेक नहीं मिलने वाला. इसके बावजूद अगली सीरीज से पहले ही टीम इंडिया के सामने कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब कप्तान और कोच को मिलकर अगले साढ़े चार हफ्तों के अंदर तलाशना होगा और इसमें सबसे अहम है ‘पांच का पेंच’. अब आप सोचेंगे कि ये पेंच है क्या और इसका सही जवाब क्या हो सकता है? तो मसला आपको हम बताएंगे, जबकि सही जवाब तलाशना ही कप्तान और कोच का सिरदर्द है.
टीम इंडिया को अब सीधे 19 सितंबर को मैदान पर उतरना है. उसके सामने बांग्लादेश की चुनौती होगी और दोनों के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी, जो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा है. बांग्लादेशी टीम इस सीरीज के लिए भारत आ रही है, ऐसे में टीम इंडिया के लिए ये सीरीज ज्यादा परेशानी का सबब बनेगी, पहली नजर में ये लगता तो नहीं है. फिर भी रोहित और गंभीर का लक्ष्य यही होगा कि जब टीम मैदान पर कदम रखे तो हर पहलू में वो दमदार हो और इसमें बैटिंग अहम है.
आखिर क्या है ‘पांच का पेंच’?
भारत में मुकाबले होने हैं, तो इतना तय है कि टीम इंडिया 6 बल्लेबाजों के साथ उतरेगी और उसके बाद 3 स्पिन-ऑलराउंडर होंगे, जैसा कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी हुआ था. यानी बल्लेबाजी 9वें नंबर तक रहेगी. सवाल टॉप-6 का ही है, जिसमें रोहित के साथ यशस्वी जायसवाल का ओपनिंग में, शुभमन गिल का तीसरे और विराट कोहली का चौथे नंबर पर उतरना तय है. विकेटकीपर के रोल में ऋषभ पंत की वापसी भी लगभग तय है, जो छठे नंबर पर उतरेंगे. ऐसे में बचा पांचवां नंबर, जिसके लिए असली होड़ है और यही पांच का पेंच है क्योंकि इसके लिए कोई एक तय खिलाड़ी नहीं है. कम से कम 3 दावेदार हैं.
कौन कितना मजबूत दावेदार?
अगर अनुभव और टीम में वरिष्ठता के आधार पर देखा जाए तो केएल राहुल और श्रेयस अय्यर के बीच टक्कर है लेकिन असली खेल हुआ है सरफराज खान के आने से, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू किया था और दमदार प्रदर्शन किया था, वो भी इन दोनों ही खिलाड़ियों की गैरहाजिरी में. तब राहुल और अय्यर चोट के कारण बाहर हो गए थे और सरफराज ने 5 पारियों में 50 की औसत और 3 अर्धशतक के साथ 200 रन बनाते हुए अपना दावा मजबूत किया था. साथ ही घरेलू क्रिकेट में उनके दमदार प्रदर्शन और रोहित-गंभीर का युवाओं को प्रमोट करने पर जोर भी उन्हें इसका दावेदार बना सकता है.
वैसे अगर राहुल को प्राथमिकता मिलती है तो इसमें भी हैरान नहीं होनी चाहिए क्योंकि चोटिल होने से पहले उन्होंने चौथे और छठे नंबर पर लगातार 5 पारियां खेलीं, जिसमें साउथ अफ्रीका के खिलाफ ताबड़तोड़ शतक और इंग्लैंड के खिलाफ 86 रनों की पारी समेत 44 की औसत से कुल 221 रन बनाए थे. इसलिए उनकी वापसी भी सकती है. श्रेयस अय्यर फिलहाल इसमें सबसे कमजोर नजर आ रहे हैं, जिनके लिए ये वक्त अच्छा नहीं रहा है. चौथे, पांचवें और छठे नंबर पर उन्होंने पिछले डेढ़ साल में 13 पारियां खेली हैं लेकिन कोई अर्धशतक नहीं है. इसमें अगर बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 29 और साउथ अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 4 रन की पारी को छोड़ दें तो भी वो सिर्फ 2 बार ही 30 से ज्यादा स्कोर कर पाए लेकिन 40 से पार एक बार भी नहीं गए.
टीम के पास परखने का एक मौका
वैसे भारत-बांग्लादेश की पिछली सीरीज दिसंबर 2022 में ही खेली गई थी, जिसमें श्रेयस ने ही मीरपुर टेस्ट में 87 और नाबाद 29 रन की पारियों से भारत को जीत दिलाई थी. इसके बावजूद उनके लिए इस बार जगह बना पाना सबसे मुश्किल है. फिर भी अगले एक महीने में काफी कुछ बदल सकता है क्योंकि फिलहाल सरफराज बुची बाबू टूर्नामेंट में खेल रहे हैं और फिर दलीप ट्रॉफी में भी खेलेंगे, जबकि राहुल और श्रेयस भी दलीप ट्रॉफी का पहला मैच खेलेंगे. अब ये मुकाबले ही रोहित और गंभीर को सही जवाब चुनने में मदद कर सकते हैं.