जिस हेमा कमीशन रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में ला दिया था भूचाल, उसे 5 साल बाद किया गया जारी
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री बीते लंबे वक्त से सुर्खियां बटोर रही है. वजह है हेमा आयोग की रिपोर्ट. इसी साल 24 जुलाई को केरल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने जस्टिस हेमा आयोग की रिपोर्ट जारी करने पर ही रोक लगा दी थी. पर केरल सरकार ने सोमवार यानी 19 अगस्त को जस्टिस हेमा समिति की 235 पन्नों की रिपोर्ट को फाइनली जारी कर दिया. करीब पांच साल पहले ही यह रिपोर्ट आ चुकी थी. लेकिन सोमवार को इसे जारी किया गया. दरअसल मलयालम सिनेमा में महिलाओं के सामने आने वाली परेशानियों को लेकर यह रिपोर्ट जारी होनी थी. पर 24 जुलाई को जब मामला आने ही वाला था, उससे कुछ घंटे पहले ही केरल हाईकोर्ट में इसे चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इसके बाद 31 जुलाई तक रिपोर्ट जारी करने पर रोक लगा दी गई.
हाल ही जो रिपोर्ट जारी की गई, उसमें महिलाओं का यौन शोषण किए जाने की कई कहानियों का खुलासा हुआ है. इस मामले में सुपरस्टार समेत कुछ और लोगों का हाथ होने की जानकारी भी सामने आई है. दरअसल कई महिलाओं ने आरोप लगाया था कि काम शुरू करने से पहले ही उनके साथ गलत तरीके का व्यवहार किया जाता है.
हेमा कमीशन की रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए?
हेमा कमीशन की जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसके 55 पन्नों में महिलाओं के वो एक्सपीरियंस शेयर किए गए हैं, जो उन्होंने झेले हैं. यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट की कॉपी केरल के 16 पत्रकारों को दी गई है. इनमें टीएनएम के पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) एक्ट के तहत इसे मांगा था.
58 से 72 पेज में, पीड़ित महिलाओं ने यौन शोषण के अपने एक्सपीरियंस को बताया है. उन्होंने बताया है कि वो इस मामले में चुप रहना क्यों पसंद करती हैं? रिपोर्ट के मुताबिक, वो अपनी जान के खतरे समेत दूसरे कई डर से चुप रहती हैं. आगे यह भी बताया गया कि कैसे उनके नाम को सोशल मीडिया के जरिए बदनाम किया गया है, जब उन्होंने इस मामले में कुछ कहने की कोशिश की. वहीं एक आर्टिस्ट ने बताया कि, वो फिल्म में एक एक्टर की पत्नी का किरदार निभा रही थी, पर इस शूटिंग से एक दिन पहले उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. यहां कुल 13 पेज और 30 प्वाइंट्स जारी किए गए हैं.
इसी तरह पेज नंबर 72 में बताया गया है कैसे सिनेमा में पुरुष उन महिलाओं का शोषण करते हैं जो एक्टिंग और सिनेमा के लिए बहुत जुनून के साथ आती हैं. सिनेमा में पुरुष यह सोच भी नहीं सकते कि एक्टिंग को लेकर के लिए जुनून की वजह से ही कोई महिला फिल्म देखने आती है. लेकिन सोच यह है कि वो पैसे के लिए आ रही है. वो फिल्म में मौका पाने के लिए किसी भी आदमी के साथ सो सकती हैं. यह सभी बातें रिपोर्ट में कही गई है. आगे कहा गया अगर वो किसी मुद्दे पर खुलकर बात करती हैं तो उन्हें परेशानी खड़ी करने वाला कह दिया जाता है. जिसका उनके फ्यूचर पर नेगेटिव असर पड़ेगा. इसलिए जो महिलाएं एक्टिंग को लेकर सीरियस हैं वो चुपचाप सभी अत्याचारों को सहती रहेंगी.
हेमा कमीशन रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
वहीं पेज नंबर 80 पर, सिनेमा में महिलाओं के साथ होने वाले ऑनलाइन उत्पीड़न के बारे में बताया है. इसमें रंग, अश्लील तस्वीरें और उनके साथ बलात्कार किए जाने जैसी कई तरह के स्टेटमेंट जारी हैं. पेज 107 और 108 में आईसीसी के गठन की मांग पर चर्चा करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं निकाय से शिकायत करने में झिझकती हैं, क्योंकि अध्यक्ष और दूसरे सदस्य इंडस्ट्री से हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऐसा इसलिए नहीं है कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है, बल्कि वो अलग-अलग वजहों से अपनी शिकायतों के साथ ऐसे मंच पर जाने को तैयार नहीं हैं.