सुनीता विलियम्स की वापसी की आस के बीच प्राइवेट स्पेसवॉक पर जाने को तैयार ये चार लोग

भारतीय मुल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस में फंस गए हैं, दोनों 8 दिन के लिए एक मिशन के तहत 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर विमान से अंतरिक्ष में बने स्पेस स्टेशन गए थे, लेकिन स्टारलाइनर के विमान में तकनीकी खामी के चलते दोनों की अंतरिक्ष से वापसी अब तक नहीं हो पाई. हालांकि, अब दोनों की वापसी कब होगी इस पर कोई तारीख सामने नहीं आई है.
इसी बीच अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स (Space Exploration Technologies Corporation) जिसकी शुरुआत साल 2002 में एलन मस्क ने की थी, यह कंपनी अब 4 सदस्यों को स्पेसवॉक के लिए भेज रही है.
स्पेस मिशन पर चार सदस्य
इस मिशन का नाम पोलारिस डॉन है, इस में एस्ट्रोनॉट पांच दिन स्पेस में रहेंगे. इस मिशन को अमेरिका के अरबपति जेरेड इसाकमैन स्पोनसर कर रहे हैं. हालांकि पिछली बार साल 2021 की ही तरह इसाकमैन खुद इस मिशन को स्पोनसर करने के साथ-साथ खुद भी इस मिशन का हिस्सा है और बाकी एस्ट्रोनॉट के साथ वो भी एक बार फिर स्पेस में जा रहे हैं.
यह चार सदस्य 26 अगस्त को अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे, जिसमें इसाकमैन के साथ-साथ उनके करीबी दोस्त स्कॉट पोटेट जोकि एयर फोर्स में थे. साथ ही इस मिशन में दो महिलाएं भी शामिल हैं, सारा गिलिस,जो अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण की प्रभारी हैं. दूसरी, अन्ना मेनन, जोकि स्पेसएक्स में शामिल होने से पहले नासा के लिए काम करती थीं. यह चारों फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेंगे.
क्यों है खास
इसाकमैन, मेनन, गिलिस और पोटीट स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल में पांच दिन बिताएंगे, जितनी ऊंचाई पर यह लोग जाएंगे वहां 1970 में नासा गया था और उसके बाद भी अब इन सदस्यों का पृथ्वी से इतनी दूरी पर जाने का मिशन है. हालांकि, इस मिशन की सबसे कामयाबी यह होगी की अभी तक किसी भी प्राइवेट स्पेस कंपनी ने स्पेस में स्पेसवॉक नहीं किया है, वो अंतरिक्ष यान के अंदर से ही चक्कर लगा कर लौट आते हैं, लेकिन इस मिशन के सदस्य अपने अंतरिक्ष यान का हैच खोलेंगे और अंतरिक्षयान से बाहर जाएंगे और इतिहास रचेंगे.
पहली बार ऐसा होगा कि प्राइवेट मिशन के सदस्य स्पेसवॉक करेंगे. इस मकसद के लिए उनके लिए एक नई तकनीक के स्पेस सूट बनाए गए हैं, जिसे पहली बार इस्तेमाल कर के अंतरिक्ष यान का हैच खोल कर स्पेसवॉक करने जाने के लिए खतरे से खाली नहीं होगा. यह मिशन साल 2022 में घोषित हुआ था.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *