कब सुधरेंगे Vodafone-Idea के हालात? अब चुकाना पड़ेगा 15.19 करोड़ का टैक्स
वोडाफोन और आइडिया ने जब आपस में विलय किया था, तब वह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम बन गई थी, लेकिन धीरे-धीरे रिलायंस जियो और एयरटेल ने उसे प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ दिया. उसकी हालत और खराब में करने में उसके कर्ज और सरकार के स्पेक्ट्रम से जुड़े बकाया ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. अब कंपनी को एक और नई दिक्कत का सामना करना होगा, उसे 15.19 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाना होगा.
जी हां, देश के गुड्स एवं सर्विस टैक्स (GST) डिपार्टमेंट ने कंपनी को 15.29 करोड़ रुपए का टैक्स भरने का नोटिस भेजा है. इतना ही नहीं कंपनी पर 1.51 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत इस्तेमाल
जीएसटी विभाग का कहना है कि वोडाफोन आइडिया ने जीएसटी के तहत मिलने वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट बेनेफिट का गलत ढंग से लाभ उठाया है. इसलिए कंपनी को 15.19 करोड़ रुपए के पेमेंट का आदेश दिया गया है. आईटीसी के इस गलत इस्तेमाल के लिए कंपनी पर 1.51 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.वोडाफोन आइडिया पहले से फंड संबंधी कई दिक्कतों का सामना कर रही है. कंपनी ने हाल में 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है.
वोडाफोन आइडिया ने इस बारे में शेयर मार्केट फाइलिंग में भी जानकारी दी है. कंपनी का कहना है कि उसे ये पैसा चुकाने का ऑर्डर जीएसटी के पटना ऑफिस से मिला है. कंपनी का टैक्स चुकाने का ये मामला अभी का नहीं है, बल्कि यह जुर्माना वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में एलिजिबल नहीं होने के बाद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फायदा उठाने के लिए लगाया है. वोडाफोन इंडिया लिमिटेड का कहना है कि वह इस आदेश से सहमत नहीं है और इस पर उचित कानूनी कार्यवाही करेगी.
28 अगस्त को मिला ऑर्डर
कंपनी का कहना है कि पटना में सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत एक आदेश पारित किया. इसमें 1,51,92,035 रुपए जुर्माना और बकाया ब्याज लगाकर कुल 15,19,20,351 रुपए की मांग की गई. ये आदेश उसे 28 अगस्त को मिला. इसमें ‘वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने’ का आरोप लगाया गया है. कंपनी का कहना है कि इस राशि में टैक्स डिमांड, ब्याज और लगाया गया जुर्माना शामिल है.
क्या होता है इनपुट टैक्स क्रेडिट?
जीएसटी की व्यवस्था में इनपुट टैक्स क्रेडिट की छूट मिलती है. इसको आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि यदि आपने संतरे का जूस खरीदा, तो फाइनल प्रोडक्ट बनाने में मशीन, संतरा, पैकेजिंग मैटेरियल का इस्तेमाल हुआ. अब ऐसे में संतरे के जूस के पैकेज पर जो फाइनल टैक्स होगा, वो तो ग्राहक से वसूला जाएगा. लेकिन उसे बनाने में जिस-जिस सामान का इस्तेमाल हुआ उस पर फाइनल प्रोडक्ट बेचने वाले ने जो टैक्स पहले चुकाया है, उसे वह इनपुट टैक्स के तौर पर क्लेम कर सकता है.दरअसल इसका फायदा मुख्य तौर पर बी2बी ट्रेड में होता है.