इन आईपीओ ने बढ़ाई SEBI की चिंता, निवेशकों को एक बार फिर सतर्क रहने की दी सलाह

अगर आप भी आईपीओ से कमाई करते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, इन दिनों शेयर बाजार में आईपीओ की भरमार है. हर हफ्ते 5 से 6 कंपनियों के आईपीओ बाजार में आ रहे हैं. जिसके चलते अब खुद स्टॉक मार्केट रेगुलेटर स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने निवेशकों को एक बार फिर आगाह किया है. इस बार सेबी ने ओवर सब्सक्राइब होने वाले नए शेयरों के प्रति लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने निवेशकों को MSME सेक्टर में जालसाज प्रमोटरों की बढ़ती संख्या के बारे में आगाह किया. सेबी का कहना है कि ऐसी कई कंपनियां हैं जिनके प्रमोटर्स अपने कारोबार को लिस्ट करने के बाद कंपनी के ग्रोथ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और वो इस जाल में फंस सके. ऐसी कंपनियां मार्केट में शेयर की कीमतों को बढ़ाने और फिर बाहर निकलने के लिए अवैध तरीकों का सहारा लेते हैं. सेबी ने निवेशकों से कहा कि वे सोशल मीडिया पोस्ट, टिप्स और अफवाहों के आधार पर बाजार में अपना पैसा न लगाएं. आइए जानते हैं सेबी को किन आईपीओ की चिंता सता रही है.
एक साल में जुटाए 6,000 करोड़
एक प्रेस रिलीज में सेबी ने कहा कि 2012 में एसएमई शेयरों में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जाने के बाद से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं. लेकिन एसएमई ने केवल वित्त वर्ष 2024 में ही कुल 6,000 करोड़ रुपये जुटा लिए. हाल ही में, एनएसई ने एसएमई द्वारा आईपीओ के लिए नियमों को कड़ा कर दिया था और कहा था कि 1 सितंबर से केवल सकारात्मक मुक्त नकदी प्रवाह वाली कंपनियां ही इसके प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हो सकती हैं. मुक्त नकदी प्रवाह जा मतलब उस नकदी से है जो सभी पूंजी और परिचालन व्यय का भुगतान करने के बाद बचती है.
ऐसे फंसा रही हैं कंपनियां
सेबी ने पाया है कि लिस्टिंग के बाद, कुछ एसएमई या उनके प्रमोटर अपने संचालन की अवास्तविक तस्वीर पेश करने के तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सेबी ने कहा कि इन घोषणाओं के बाद आमतौर पर बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और प्रिफ्रेंशियल अलॉटमेंट जैसी विभिन्न कॉर्पोरेट कार्रवाइयां की जाती हैं. इससे निवेशकों के बीच कंपनी के लिए सकारात्मक भावना पैदा होती है, जो उन्हें उस कंपनी का स्टॉक खरीदने पर मजबूर कर देती है. साथ ही, यह प्रमोटरों को ऐसी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को ऊंचे दामों पर बेचने का आसान अवसर भी प्रदान करता है.
2 शोरूम वाली कंपनी ने मचाया तहलका
हाल ही में IPO लिस्टिंग का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें कंपनी ने आईपीओ के जरिये 12 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन बोली लगाने के आखिरी दिन यह 2 या तीन गुना नहीं बल्कि 418 गुना ओवरसब्सक्राइब हो गया. इस खबर के बाद से मार्केट में तहलका मच गया.
आईपीओ को लेकर ऐसा पागलपन शायद ही पहले देखने को मिला है. जैसा रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल कंपनी के इश्यू को मिला. इस कंपनी के दिल्ली में दो बाइक शोरूम हैं और इसमें महज 8 कर्मचारी ही काम करते हैं. मार्केट से पैसे जुटाने के लिए इस कंपनी ने आपना आईपीओ 22 अगस्त को पेश किया था, जिसमें निवेशकों ने 26 अगस्त तक निवेश किया था. लेकिन इस आईपीओ में पैसे लगाने की होड़ सी मची नजर आई. रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के आईपीओ का साइज 11.99 करोड़ रुपये था, लेकिन आखिरी दिन तक ये 418 गुना ओवरसब्सक्राइब्ड हुआ. कंपनी को 4768.88 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं. इनमें से रिटेल कैटेगरी में 2825.11 करोड़ रुपये, जबकि अन्य कैटेगरी में 1796.85 करोड़ रुपये की बोलियां शामिल हैं.

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