टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में खेला, फिर भी 10 मैच में ही खत्म हो गया करियर
भारत में ऐसे कई क्रिकेटर रहे जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम कमाया, लेकिन इंटरनेशनल स्तर वो ज्यादा कमाल नहीं कर सके. इनमें से ही एक नाम है एस बद्रीनाथ. उन्होंने साल 2000 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा था. उसके बाद से ही वो एक बड़ा चेहरा रहे. तमिलनाडु के लिए खेलने वाले इस बल्लेबाज ने अपने फर्स्ट क्लास के करियर में 54 की औसत से 10 हजार से भी ज्यादा रन बनाए थे. हालांकि, भारत के लिए खेलते हुए उनका इंटरनेशनल करियर बहुत छोटा रहा. वो टीम इंडिया के लिए केवल 10 मैच ही खेल सके. 30 अगस्त को उनका जन्मदिन है. इस मौके पर आइये जानते हैं इस शानदार क्रिकेटर की कहानी.
फर्स्ट क्लास में धमाल
एस बद्रीनाथ ने साल 2000 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने शुरू किया था. उन्हें सॉलिड बैटिंग टेक्निक के लिए जाना जाता था. बद्रीनाथ फर्स्ट क्लास के शुरुआती 4-5 सालों में ज्यादा कमाल नहीं कर सके, लेकिन 2005-06 के सीजन से उन्होंने लगातार रन बनाना शुरू किया. इस सीजन में उन्होंने 80 की औसत से 636 रन ठोक दिए थे. 2006-07 के सीजन में 50 की औसत से 436 रन और 2007-08 के सीजन में 65 की औसत से 659 रन बनाए थे. बद्रीनाथ घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे थे, जिसका फल उन्हें मिला. पहले 2007 में इंडिया और 2008 में भारतीय टीम में जगह मिली.
3 साल का करियर
एस बद्रीनाथ भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में डेब्यू किया लेकिन उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 2008 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी. इस फॉर्मेट में वो केवल 7 मैच ही खेल सके, जिसमें उन्होंने महज 79 रन बनाए. इस दौरान उनका सवार्धिक स्कोर 27 रन रहा था. बद्रीनाथ ने 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू भी किया, लेकिन महज 2 टेस्ट के बाद इसका भी अंत हो गया. 2 टेस्ट की 3 पारियों में उन्होंने 1 अर्धशतक की मदद से 63 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने इकलौता टी20 मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में खेला, जिसमें 43 रन बनाए थे. 2008 में इंटरनेशनल करियर शुरुआत करने वाले बद्रीनाथ ने 2011 में टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच खेला था.
2 IPL ट्रॉफी
एस बद्रीनाथ ने 2008 में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से आईपीएल खेलना शुरू किया था. 6 सीजन यानी 2013 आईपीएल खेलने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया. इस दौरान उन्होंने 95 मैच में 118 की स्ट्राइक रेट से 1441 रन बनाए थे. वहीं धोनी की कप्तानी में 2010 और 2011 में ट्रॉफी जीतने में भी कामयाब रहे. बद्रीनाथ ने आईपीएल में सीएसके के अलावा कभी भी किसी और टीम का रुख नहीं किया. इस दौरान उन्हें पहले तीन सीजन में 12 लाख रुपए की सैलरी मिली. वहीं 2011 से 2013 तक 3.68 करोड़ रुपए की सैलरी मिली. इस तरह आईपीएल से उन्होंने कुल 11 करोड़ 40 लाख रुपए कमाए.