क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में PM मोदी मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे? MEA ने दिया जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की है. ये युद्ध अब अपने तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है, और इसके समाप्त होने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं. हाल ही में, पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. इस बैठक में, मोदी ने शांति की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि युद्ध का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है.
जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान भी पीएम मोदी ने कहा था कि भारत हमेशा से शांति का समर्थक रहा है. पहले भी, दोनों देशों से वो शांति की बात करता रहा है. इसी बीच विदेश मंत्रालय से इसको लेकर विशेष सवाल किए गए. टीवी9 ने MEA ने पूछा कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में प्रधानमंत्री मोदी मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे है? इसपर उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा है कि एक दोस्त होने के नाते शांति स्थापित होने में हर संभव प्रयास के लिए हैं तैयार’.
मोदी की पुतिन से भी बातचीत
मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद, उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत की. इस बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और शांति की स्थापना के लिए संभावनाओं पर चर्चा करना था. जेलेंस्की ने मोदी से कहा कि वे भारत में एक वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन कर सकते हैं, जिससे भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
भारत का क्या है पक्ष
भारत ने हमेशा से ही एक तटस्थ भूमिका निभाई है, लेकिन पीएम मोदी ने साफ किया है कि भारत शांति के पक्ष में है. ये संकेत देता है कि भारत इस संघर्ष में एक सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
उधर चीन, जो रूस का करीबी सहयोगी है वो भारत की इस मध्यस्थता से चिंतित है. चीन को डर है कि भारत की बढ़ती वैश्विक छवि और प्रभाव उसे पीछे छोड़ सकता है. अमेरिका भी इस स्थिति पर नजर रख रहा है और यदि चीन को इस भूमिका में स्वीकार किया जाता है, तो यह अमेरिका के लिए चिंता का विषय बन सकता है.