13 हजार एक्स्ट्रा फ्लैट, 15 हजार करोड़ की कमाई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से NBCC को बड़ी राहत
आम्रपाली प्रोजेक्ट्स को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. इस फैसले के बाद के बाद सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी एनबीसीसी को 15 हजार करोड़ रुपए जुटाने में काफी आसानी होगी. वास्तव में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में ज्यादा फ्लैट के निर्माण की मंजूरी दे दी है. इसका मतलब है कि इन प्रोजेक्ट्स के एफएआर में इजाफा किया जाएगा. जिसके बाद इन प्रोजेक्ट्स में 13 हजार से ज्यादा एक्स्ट्रा फ्लैट का निर्माण हो सकेगा. इन फ्लैटों की बिक्री से फाइनेंशियील क्राइसिस के कारण अटके हुए प्रोजेक्ट्स के लिए काफी अमाउंट का जुगाड़ हो सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आम्रपाली प्रोजेक्ट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से किस तरह का प्रस्ताव सामने निकलकर आया है.
15 हजार करोड़ का जुगाड़
देश की सर्वोच्च अदाएलत ने 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान एनबीसीसी को आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में एक्स्ट्रा फ्लैट बनाने का का रास्ता साफ कर दिया है. आम्रपाली के करीब प्रोजेक्ट्स में करीब 13 हजार फ्लैट निर्माण हो सकेंगे. इन फ्लैट्स ने एनबीसीसी को 15 हजार करोड़ रुपए जुटाने का रास्ता मिल जाएगा. इन पैसों से मौजूदा 16 हजार से ज्यादा होम वायर्स को घर देने का काम भी किया जा सकेगा, जो फंड की कमी से अटके हुए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार एनबीसीसी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को 484.92 करोड़ रुपए और नोएडा अथॉरिटी को 258.24 करोड़ रुपए एफएआर के लिए 18 फीसदी जीएसटी के साथ देगी. बीते कुछ समय से आम्रपाली के फंसे हुए प्रोजेक्ट्स को तैयार करने के लिए एनबीसीसी एक्स्ट्रा फ्लैट के निर्माण के लिए काफी प्रयास कर रही थी. ताकि फंड की कमी दूर किया जा सके.
नोएडा-ग्रेनो को दिए ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की जज बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनबीसीसी, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज के अधिकारियों और घर खरीदारों की पैरवी करने वाले वकीलों की ज्वाइंट मीटिंग के मिनट्स को मंजूरी देते हुए ये आदेश पारित किया है. ये ज्वाइंट मीटिंग 26 अगस्त को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि के घर पर हुई थी.
वेंकटरमणि कोर्ट की ओर से नियुक्त रिसीवर के रूप में हैं, जिन्हें आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं दूसरी ओर कोर्ट की पीठ ने दोनों शहरों की अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वे एनबीसीसी की ओर से एनओसी देने के 30 दिनों के अंदर बिल्डिंग को मंजूरी दें. दूसरी ओर कोर्ट ने राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को आवेदन प्रस्तुत करने के दो महीने के भीतर पर्यावरण मंजूरी देने का आदेश दिया है.