टेलीग्राम के बॉस दुरोव के साथ डिनपर इनविटेशन पर क्या बोले मैक्रों, गिरफ्तारी पर भी दिया बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में टेलीग्राम के संस्थापक पावेल दुरोव को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित करने के आरोपों का खंडन किया है. ये विवाद तब शुरू हुआ जब एक फ्रांसीसी सैटायर मैगजीन “ले कैनार्ड एन्केन” ने दावा किया कि दुरोव ने पुलिस को बताया कि वो पेरिस में मैक्रों से मिलने के लिए आए थे. दुरोव को शनिवार को ल बौर्जेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, और उनपर कई आपराधिक आरोप लगाए गए हैं.
मैक्रों ने बेलग्रेड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मुझे दुरोव की यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मैंने न तो उन्हें आमंत्रित किया और न ही उनसे मिलने की कोई योजना बनाई थी.” दुरोव, जिन्हें कभी-कभी “रूस का मार्क ज़ुकरबर्ग” कहा जाता है, उन्होंने 2013 में टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप की स्थापना की थी, जो अब लगभग एक अरब यूजर्स के साथ एक बड़ा सोशल प्लेटफार्म बन चुका है.
दुरोव पर क्या लगे हैं आरोप?
दुरोव साल 2017 से दुबई में रह रहे हैं. उनके खिलाफ आरोपों में कानून प्रवर्तन के साथ सहयोग करने से इनकार करना और अवैध लेनदेन में मदद करने का आरोप है. इस बीच, दुरोव को 2018 में फ्रांसीसी नागरिकता दी गई थी, जिसे मैक्रों ने सही बताया है. उन्होंने कहा कि ये सही है कि उन लोगों को पुरस्कृत किया जाए जिन्होंने वैश्विक सफलता हासिल की है और फ्रेंच सीखने का प्रयास किया है.
टेलीग्राम को सेंसर करने का आरोप
दुरोव की गिरफ्तारी ने कई स्वतंत्रता समर्थकों में आक्रोश पैदा कर दिया है, जो फ्रांस पर टेलीग्राम को सेंसर करने का आरोप लगा रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम एक ऐसा देश भी हैं जहां पॉवर्स अलग काम करते हैं और न्याय प्रक्रिया स्वतंत्र तौर पर फैसले लेती है. ये एक अच्छी बात है.
दुरोव की गिरफ्तारी के बाद, ये भी सामने आया कि फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने 2017 में दुरोव के आईफोन को हैक करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर काम किया था. इस मामले ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है, और कई लोग इसे एक बड़ा राजनीतिक विवाद मान रहे हैं.