पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में गवाह स्वप्ना पाटकर ने ईडी को लिखी चिट्ठी, बताया रेप और जान से मारने की दी जा रही धमकी
महाराष्ट्र के चर्चित पात्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़ी एक बड़ी सामने आई है. इस केस की मुख्य गवाह स्वप्ना पाटकर ने ईडी को चिट्ठी एक लिखी है. इसमें उन्होंने बताया कि उन्हें जान से मारने की और रेप करने की धमकी जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने संजय राऊत पर कई गंभीर आरोप लगाए है. इससे पहले भी कई बार स्वप्ना को गवाही बदलने के लिए जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है.
वहीं इस मामले में शनिवार को शिंदे गुट की नेता और एमएलसी मनीषा कायंदे ने ED अधिकारियों से मुलाकात की और जांच की मांग की. उन्होंने कहा जल्द ही इस मामले में पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात करेंगी. स्वप्ना पाटकर ने चिट्ठी में साफ तौर पर संजय राउत का नाम लिखकर आरोप लगाया है. ये चिट्ठी ईडी के पश्चिमी क्षेत्र के एडिश्नल डायरेक्टर को लिखी है.
Swapna Patkar, a witness in the Patra Chawl land case, wrote to Addition Director (Western Region), ED alleging rape and life threats to her “for changing the statements given during the investigation of the case”
The letter reads, “I would like to bring it to your notice that pic.twitter.com/Q3G5pHFWTx
— ANI (@ANI) August 31, 2024
ईडी को लिखा पत्र
इस चॉल जमीन घोटाले मामले में गवाह स्वप्ना पाटकर ने ईडी के पश्चिमी क्षेत्र के एडिशनल निदेशक को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मामले की जांच के दौरान दिए गए बयानों को बदलने के कारण उसके साथ बलात्कार और जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
स्वप्ना पाटकर ने लिखा, “मैं आपके संज्ञान में लाना चाहती हूं कि मामले में आरोपी और उसके गुंडे लगातार मुझे धमकाने/छेड़छाड़ करने में लगे हुए हैं और अन्य लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं. मुझे लगातार धमकाया जा रहा है और जांच के दौरान दिए गए मेरे बयानों को बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है, साथ ही मुझ पर एक आरोपी संजय राउत और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर कुछ जमीनों और संपत्तियों के मालिकाना हक के लिए भी दबाव डाला जा रहा है.”
क्या है पत्रा चॉल घोटाला?
पत्रा चॉल जमीन घोटाला करीब 1034 करोड़ रुपए का है. मुंबई के गोरेगांव में पत्रा चॉल में म्हाडा की जमीन है. इस मामले में ईडी का ओरप है कि प्रवीण का कंपनी को इस पत्रा चॉल को बनाने का काम दिया गया था. लेकिन उन्होंने ये सारी प्रापर्टी प्राइवेट कंपनी को बेच दी. प्रवीण पर आरोप है कि उन्होंने पत्रा चॉल में रहने वाले लोगों को ठग लिया और उन्हें घर बना कर नहीं दिया. शर्तों के मुताबिक प्रवीण राउत की कंपनी को 3 हजार फ्लैंट्स बनाने थे. इनमें से 672 फ्लैट यहां रहने वाले टेनेंट को देने थे और बाकी फ्लैट्स म्हाडा और बिल्डर के बीच बंटने थे.