भूमिहार पर बयान देकर फंसे JDU मंत्री अशोक चौधरी, केसी त्यागी के इस्तीफे से जुड़ रहे तार

अशोक चौधरी अपनी ही पार्टी के भूमिहार जाति के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. इस बीच पार्टी के इसी जाति से आने वाले नेता केसी त्यागी के इस्तीफे से अशोक चौधरी के भूमिहार वाले बयान से भी जोड़ा जा रहा है. भले ही केसी त्यागी के इस्तीफे से बिहार में जदयू की इस अंदरूनी राजनीति से कोई लेना देना ना हो लेकिन अशोक चौधरी पर हमला करने वाले भूमिहार नेताओं को केसी त्यागी के इस्तीफे ने एक और बहाना दे दिया है.
वहीं केसी त्यागी के इस्तीफे को सीएम नीतीश कुमार के करीबी नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बयान से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. दरअसल, केसी त्यागी मूलरूप से यूपी से आते हैं लेकिन यूपी के त्यागी उपनाम वालों को भूमिहार की श्रेणी में ही माना जाता है. ऐसे में भूमिहारों को लेकर दिए गए बयान के बीच भूमिहार नेता का पार्टी के बड़े पद से इस्तीफा दे देना कई सवाल खड़े करता है.
केसी त्यागी के इस्तीफे की वजह
हालांकि केसी त्यागी के इस्तीफे की वजह हाल ही में पार्टी लाइन से इतर उनके कई निजी बयानों को भी माना जा रहा है, जिन बयानों की वजह से गठबंधन के अंदर जदयू की स्थिति असहज हो गई. आरक्षण से लेकर इजराइल को हथियार जैसे संवेदनशील मुद्दों पर केसी त्यागी के बयान पार्टी लाइन से अलग और जदयू के लिए असहजता पैदा करने वाले थे. इस बीच इधर पार्टी के नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने भूमिहार जाति को लेकर बयान दे दिया.पार्टी के ही नीरज कुमार, जगदीश शर्मा, विधायक संजीव जैसे कई नेता उनके खिलाफ खड़े हो गए. अब केसी त्यागी के इस्तीफे को भी एक भूमिहार का इस्तीफा बताकर अंदरखाने अशोक चौधरी के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
अशोक को आमंत्रण नहीं
इधर जदयू में आज श्याम रजक की वापसी हो रही है. इसके लिए जदयू कार्यालय में एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें अशोक चौधरी को छोड़कर पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को बुलाया गया है. मिलन समारोह के लिए भेजे गए आमंत्रण पत्र में संजय झा के अलावा मंत्री विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, रत्नेश सदा, सुनील कुमार तक का नाम है लेकिन अशोक चौधरी का नाम नहीं है. इसे भी अशोक चौधरी के हालिया भूमिहार वाले बयान से ही जोड़कर देखा जा रहा है.

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