मुसलमानों को बनाया जा रहा निशाना… बुलडोजर कार्रवाई पर रोक की मांग, आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

तीन राज्यों में बुलडोजर एक्शन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. आज इस पर सुनवाई है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर उच्चतम न्यायालय मामले की सुनवाई करेगा. जस्टिस बीआर गवई की बेंच सुबह 11 बजे इस मामले को सुनेगी. जमीयत उलेमा ने हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.
जमीयत ने अपनी इस याचिका में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. अर्जी में आरोपियों के घरों पर सरकारों द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि मई में मध्य प्रदेश में एक आरोपित के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवाया गया. वो भी घटना के कुछ घंटे के भीतर. कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सरकार ने उसे सजा दे दी.
तीन राज्यों में बुलडोजर एक्शन पर SC में सुनवाई
मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बरेली में 22 और 26 जून को दो FIR में नामजद आरोपितों की छह संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया. वहीं, राजस्थान के उदयपुर में प्रशासन और वन विभाग की टीम ने आरोपित राशिद खान का घर गिरा दिया. राशिद के 15 साल के बेटे पर स्कूल में अपने सहपाठी को चाकू से गोदने का आरोप था.
केंद्र सरकार और राज्यों को पक्षकार बनाया गया
याचिका में केंद्र सरकार और राज्यों को पक्षकार बनाया गया. कहा गया कि आरोपितों के खिलाफ वाजिब कानूनी कार्यवाही के बजाय उनके घरों को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है. यह पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमाना रवैया है, जिसे अंजाम देकर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है.
हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी के मैनपुरी में शहीद स्मारक स्थल पर बुलडोजर चलाने को लेकर योगी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी की सियासत शहीदों में भी भेदभाव करने लगी है. शहीद मुनीश यादव के स्मारक स्थल को राजस्व टीम ने बुलडोजर चलवा दिया था.

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