नेतन्याहू की अग्निपरीक्षा! गाजा में तबाही मचाकर भी बंधकों के मुद्दे पर अटक गई जान

गाज़ा में 6 इजराइली बंधकों के शव मिलने के बाद नेतन्याहू सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं. रविवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए और नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध जताया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 3 लाख लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू सरकार को हमास के साथ सीज़फायर डील और बंधकों की रिहाई में देरी नहीं करनी चाहिए. लोगों का मानना है कि गाज़ा में इतने बड़े सैन्य ऑपरेशन के बावजूद नेतन्याहू हमास के कब्जे से सभी बंधकों को रिहा करवाने में कामयाब नहीं हुए हैं, लिहाज़ा सीज़फायर डील ही एकमात्र रास्ता है बंधकों को रिहा करवाने का. इससे पहले सीज़फायर डील के लिए हुई वार्ता के दौरान भी बंधकों के परिजनों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की थी और कहा था कि उन्हें यह मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए.
सीज़फायर डील नहीं चाहते नेतन्याहू- हमास
लेकिन हमास ने नेतन्याहू पर नई शर्तें लगाने का आरोप लगाते हुए सीज़फायर डील से इनकार कर दिया. हमास का कहना है कि इजराइली सेना को गाज़ा से पूरी वापस जाना होगा तभी कोई डील होगी, वहीं इजराइली प्रधानमंत्री फिलाडेल्फी और नेत्जरिम कॉरिडोर पर कब्जा चाहते हैं जिसकी वजह से सीजफायर डील नहीं हो पाई. हमास ने आरोप लगाया था कि नेतन्याहू सीजफायर डील करना ही नहीं चाहते हैं, वो इस बातचीत के जरिए सिर्फ समय खरीदने की कोशिश कर रहे हैं जिससे गाज़ा में अधिक नरसंहार कर सकें.
नेतन्याहू सरकार के खिलाफ आक्रोश
करीब 11 महीने से जारी जंग के दौरान बीते शनिवार गाज़ा की एक सुरंग से 6 इजराइली बंधकों के शव मिले जिसके बाद इजराइल के लोगों में सरकार के खिलाफ नाराज़गी है. लोगों का कहना है कि नेतन्याहू को हमास के साथ सीज़फायर डील कर लेनी चाहिए जिससे उनके अपने घर वापस लौट सकें.
इजराइल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन. (Mostafa Alkharouf/Anadolu via Getty Images)
इन्हीं मांगों को लेकर रविवार को इजराइल के हज़ारों लोग राजधानी तेल अवीव समेत कई शहरों में सड़कों पर उतर आए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों में बाइडेन प्रशासन के खिलाफ भी भारी आक्रोश दिखा. लोगों ने बंधकों के मारे जाने में नेतन्याहू की मदद करने का आरोप लगाया.
हमास के पास कितने बंधक हैं?
7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने 240 से ज़्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. इजराइल का कहना है कि इनमें से अब कुल 97 बंधक अब भी गाज़ा में बचे हुए हैं, इनमें 34 बंधकों के मारे जाने का भी शक है. इजराइल के मुताबिक इनमें से ज्यादातर इजराइली नागरिक हैं और कुछ दोहरी नागरिकता वाले बंधक भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले साल इजराइल और हमास के बीच हुए समझौतों में करीब 117 बंधकों को रिहा किया गया था. वहीं कुछ बंधकों को इजराइली सेना ने हमास के कब्जे से छुड़ाया है.
पूर्व मंत्री ने नेतन्याहू पर लगाया आरोप
इजराइली वॉर कैबिनेट के पूर्व मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने नेतन्याहू पर हमला बोला है. गाज़ा में 6 इजराइली बंधकों के शव मिलने पर उन्होंने कहा है कि नेतन्याहू सरकार ने इन मौतों को रोकने के लिए जरूरी प्रयास नहीं किए.

רצח חטופינו מביא אותנו לעוד בוקר קשה וכואב, ויחד עם כל עם ישראל אני מבקש לחבק את המשפחות שקיבלו את הבשורה הקשה מכל ולחזק את צה״ל וכוחות הביטחון בהמשך עשייתם.
מולנו רוצחים מתועבים, בראשם סינוואר, ודינם אחד – מוות. הם שהביאו למותם של חטופינו.
אך לצערי, שלא כמו לוחמינו שמחרפים את pic.twitter.com/CzZu8Q6zSi
— בני גנץ – Benny Gantz (@gantzbe) September 1, 2024

उन्होंने कहा है कि नेतन्याहू डरते हैं. वो कार्रवाई करने के बजाय राजनीतिक कारणों के चलते समय का खेल खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा खेल है जिसमें लोगों को अपनी जिंदगी खोकर कीमत चुकानी पड़ रही है.

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