पश्चिम UP से नाता, दिल्ली से राजनीति, नीतीश के करीबी; कैसा रहा KC त्यागी का अब तक का राजनीतिक सफर

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कल रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी ने उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को राष्ट्रीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी भी सौंप दी. त्यागी को हटाए जाने को लेकर पार्टी की ओर से कहा गया कि निजी कारणों से त्यागी ने पद से इस्तीफा दिया है, जबकि सियासी गलियारों में यह कयास है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें जानबूझकर पद से हटाया गया.
किशन चंद त्यागी यानी केसी त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से नाता रखते हैं और अब तक नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का मजबूती के साथ पक्ष रखा करते थे. साल की शुरुआत में और लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन का साथ छोड़ दिया और फिर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ आ गए. बदले सियासी माहौल में नीतीश कुमार ने जनवरी में रिकॉर्ड नौंवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
त्यागी के बयानों से संबंधों पर असर
बुजुर्ग नेता त्यागी को नीतीश कुमार के बेहद भरोसेमंद लोगों में गिना जाता है. जब पिछली बार बिहार में सरकार में बदलाव हुआ था, तब भी वो नीतीश के समर्थन में थे. हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से अचानक छुट्टी को लेकर कहा जा रहा है कि हाल के कुछ मुद्दों पर केसी त्यागी की ओर से दिए गए बयान पार्टी नेतृत्व को पसंद नहीं आया. त्यागी ने केंद्र सरकार की नौकरियों में लैटरल इंट्री, अग्निवीर योजना, समान नागरिक संहिता, वक्फ बोर्ड से जुड़े मामलों, जातिगत जनगणना, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब कैटेगराइजेशन समेत कई अन्य मामलों को लेकर ऐसा बयान दिया था, जिससे सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था.
सियासी गलियारों में यह भी कहा गया कि केसी त्यागी केंद्र सरकार की नीतियों पर लगातार ऐसी टिप्पणी कर रहे थे जिससे जनता दल यूनाइटेड (JDU) और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच आपसी संबंधों में मधुरता की जगह असहज स्थिति बन जा रही थी. दावा यह भी किया जा रहा है कि इस इस्तीफे के पीछे भारतीय जनता पार्टी का दबाव भी था. हालांकि पार्टी ने इससे इनकार किया है.
कौन हैं केसी त्यागी
73 साल के बुजुर्ग नेता त्यागी लंबे समय से नीतीश कुमार के साथ जुड़े हुए हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोर्ता गांव में एक किसान परिवार में हुआ. मुरादनगर से शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से बीएससी डिग्री हासिल की. वह कई दशकों से भारतीय राजनीति में लगातार सक्रिय रहे हैं.
एक समय केसी त्यागी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के करीबी नेताओं में गिने जाते थे. अपने करियर की शुरुआत में वह चौधरी चरण सिंह के मीडिया सलाहकार थे. त्यागी ने पहली बार 1984 के लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई. तब वह लोकदल के टिकट पर तत्कालीन हापुड़ लोकसभा सीट (वर्तमान में गाजियाबाद सीट) से मैदान में उतरे. हालांकि यह चुनाव ऐसे समय हुआ जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सहानुभूति की लहर थी. उसका असर यहां भी दिखा. त्यागी को कांग्रेस के प्रत्याशी केदार नाथ के हाथों 150,676 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
हापुड़ के बाद मेरठ गए, वहां भी मिली हार
हालांकि 1989 के चुनाव में केसी त्यागी ने वापसी की और इसी हापुड़ सीट से चुनाव जीत लिया. इस बार वह जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे थे, और उन्होंने कांग्रेस के बुद्ध प्रिया मौर्य को 33,254 मतों के अंतर से हराया. वह पहली बार लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे.
हालांकि इसके बाद उन्हें फिर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई. 1991 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. साल 1996 के चुनाव में त्यागी समाजवादी पार्टी के टिकट पर हापुड़ से लड़े लेकिन उन्हें फिर हार मिली. साल 2004 में उन्होंने फिर से चुनावी किस्मत आजमाई. इस बार वह चुनाव लड़ने मेरठ चले गए. वह जनता दल यूनाइटेड के टिकट से मैदान में उतरे, लेकिन यहां भी कामयाबी नहीं मिली, वह तीसरे स्थान पर रहे थे.
लोकसभा के बाद राज्यसभा सांसद भी बने
दिल्ली में रहकर जनता दल यूनाइटेड के लिए राजनीति करने वाले केसी त्यागी को नीतीश कुमार ने साल 2013 में राज्यसभा में हुए उपचुनाव के जरिए संसद को ऊपरी सदन में भेजा था. वह 7 फरवरी 2013 से लेकर 7 जुलाई 2016 तक राज्यसभा सांसद रहे थे. यह उपचुनाव उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे की वजह से रिक्त हुई सीट पर कराया गया था. कुशवाहा ने जेडीयू से भी इस्तीफा दे दिया था.
त्यागी साल 1989 में जनता दल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए. बाद में अक्टूबर 2003 में जनता दल के विभाजन के बाद जनता दल यूनाइटेड अस्तित्व में आई. वह शुरू से ही जेडीयू पार्टी से जुड़े रहे. नीतीश कुमार के साथ उनके शुरू से ही अच्छे संबंध रहे हैं. पार्टी ने त्यागी को पिछले साल पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया था.

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