RSS की बैठक में कोलकाता कांड पर जताई गई नाराजगी, महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए दिए 5 सुझाव

केरल के पलक्कड़ में आरएसएस की 3 दिवसीय समन्वय बैठक में कोलकाता कांड की निंदा की गई. इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया. इस पर संघ के अनुषांगिक संगठनों ने नाराजगी और दुख जताया. इन घटनाओं पर कैसे लगाम लगे, बैठक में इस पर चर्चा की गई. रोकथाम के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई पर बल दिया गया.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को रेप करने के बाद महिला डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. आरएसएस चाहता है कि कोलकाता जैसी घटना की जांच और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरकारी मशीनरी, तंत्र की सक्रियता और तेज गति से न्यायिक प्रक्रिया पर बल देना चाहिए. संघ की समन्वय बैठक में 5 तरह के कार्यों को करने पर बल दिया गया.
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लीगल रेमेडीज: महिलाओं के खिलाफ अमानवीय घटनाओं से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक सुनवाई हो. एक खास लीगल फ्रेम वर्क में निश्चित समय में आरोप तय हों. सजा का प्रावधान भी तेज और स्पष्ट हो.
अवर्नेस: इस तरह की घटना को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा अवर्नेस फैलाई जाए.
संस्कार: बच्चों को अच्छे संस्कार मिलें, यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. लोग फैमिली वैल्यू सिस्टम को समझें.
शिक्षा व्यवस्था: शिक्षा व्यवस्था में इस बात पर बल देने की जरूरत है कि लोगों में सेंसिटिविटी कैसे बढ़े.
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिग: महिलाओं में आत्म रक्षा की भावना को बढ़ाने के लिए ऐसी व्यवस्था को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे महिलाएं खुद भी सक्षम होकर चुनौतियों का सामना कर सकें.

इसके साथ ही संघ मानता है कि तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर परोसे जा रहे कंटेंट पर लगाम लगाई जानी चाहिए. एक खास तरह का कंटेंट देखने से लोगों में मनोरोग होता है. इंसान की मानसिकता पर प्रतिकूल असर होता है. इससे बलात्कार और हिंसा जैसी प्रवृति विकसित होती है. लिहाजा तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म, टीवी प्लेटफॉर्म, वेबसाइट्स या अन्य डिजिटल माध्यम पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है. ताकि वो अश्लीलता न परोस सकें.
बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध
संघ ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध भी किया है. कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना ठीक नहीं होता. हालांकि, सरकार को नियमों के अनुसार शासन चलाना चाहिए. जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए. आरएसएस की वार्षिक समन्वय बैठक में इस बार कुल 32 महिला स्वयंसेविकाएं भी शामिल रहीं. यहां बंगाल की घटना को लेकर माहौल गंभीर बना रहा.

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