किसानों पर 14000 करोड़ खर्च करेगी सरकार, 7 योजनाओं को मिली कैबिनेट की मंजूरी

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किसानों के लिए बड़े फैसले लिए हैं. केंद्रीय मंत्रीमंडल ने सोमवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दे दी है. इसमें डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए योजना भी शामिल है. आइए जानते हैं कहां-कहां खर्च होंगे ये 14 हजार करोड़ रुपए…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया है कि सरकार किसानों पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. इस खर्च में 7 बड़ी योजनाएं शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अभी मोदी 3.0 के 100 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं और सरकार लगातार कई फैसले लेती आ रही है.
यहां खर्च होंगे 14 हजार करोड़
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने 2,817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है.उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम के साथ पशुधन के टिकाऊ स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है.
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बागवानी क्षेत्र के टिकाऊ विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की एक और योजना को भी स्वीकृति दी है.वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूती देने के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी है.कृषि क्षेत्र से संबंधित इन सातों कार्यक्रमों के लिए कुल आवंटन 13,960 करोड़ रुपये से अधिक का है.
ये हैं 7 योजनाएं
1- डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2817 करोड़ रुपए की मदद से बनेगा. इसके दो फाउंडेशन स्टोन रहेंगे- एग्री स्टैक और कृषि डिसिशन सपोर्ट सिस्टम. एग्री स्टैक में बेसिक डेटा (किसानों का, जमीन का, आदि) रहेगा और कृषि डिसिशन सपोर्ट सिस्टम में उपलब्धता का डेटा रहेगा. जो सैटेलाइट से डेटा आता है, वो भी इसी में होगा. इससे बहुत बड़ा बदलाव आएगा.
2- फूड एंड न्यूट्रिशनल सिक्योरिटी
कैबिनेट ने दूसरा फैसला क्रॉप साइंस के लिए फूड एंड न्यूट्रिशनल सिक्योरिटी से जुड़ा लिया है. इसकी मदद से किसानों को 2047 तक क्लाइमेट रेजिलिएंस और फूड सिक्योरिटी के लिए तैयार करना है. इस प्रोग्राम में 6 पिलर्स रखे गए हैं. इसका खर्च 3979 करोड़ रुपए है. इसमें रिसर्च और एजुकेशन में बहुत जोर दिया जाएगा.
3- एग्रीकल्चर एजुकेशन, मैनेजमेंट और सोशल साइंस
कैबिनेट ने एग्रीकल्चर एजुकेशन, मैनेजमेंट और सोशल साइंस को मजबूत करने के लिए भी फैसला लिया है. इसके लिए 2291 करोड़ रुपए का खर्च होगा. इसमें सारा काम इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च से किया जाएगा. इसके तहत क्लाइमेट रेजिलिएंस और नैचुरल फार्मिंग को कोर्स में शामिल किया जाएगा.
4- सस्टेनेबल लाइवस्टॉक हेल्थ और प्रोडक्शन
किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए लाइवस्टॉक की हेल्थ और इसके प्रोडक्शन पर ध्यान दिया जाएगा. इसमें डेयरी प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डेवलप्मेंट पर काम होगा. इसके लिए 1702 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
5- सस्टेनेबल डेवलप्मेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर
हॉर्टिकल्चर में सब्जियां है, फ्रूट्स हैं, मशरूम है और कई तरह के प्लांट्स हैं. इसके लिए 860 करोड़ रुपए का लेआउट है. इससे किसानों की इनकम बड़ने का स्कोप बढ़ जाएगा.
6- कृषि विज्ञान केंद्र
इसके तहत कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत किया जाएगा. किसानों के साथ कैसे जुड़ा जाए और उन्हें सशक्त बनाया जाए, इसके लिए ये प्रोग्राम है. इसके लिए 1202 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
7- नैचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट
रिजरवॉयर, ग्राउंड वॉटर और बाकी नैचुरल रिसोर्स को कैसे अच्छे से मैनेज किया जाए, इसके लिए 1115 करोड़ रुपए का प्लान है.

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