अरेस्ट वारंट को पुतिन ने दिखाया ठेंगा, शेर के पिंजरे में क्यों गए रूसी राष्ट्रपति?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अरेस्ट वारंट को ठेंगा दिखाते हुए मंगोलिया के दौरे पर गए हैं. मंगोलिया वो मुल्क है जो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) का हिस्सा है. आईसीसी ने ही पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. मंगोलिया के एर्डेनेबलसुरेन दामदीन आईसीसी के सिटिंग जजों में से एक हैं. अब सवाल उठता है कि पुतिन शेर के पिंजरे में क्यों गए हैं.
दौरे पर पुतिन मंगोलियाई नेता उखना खुरेलसुख से मुलाकात करेंगे. पुतिन की आईसीसी के किसी सदस्य देश की ये पहली यात्रा है. आईसीसी ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप में लगभग 18 महीने पहले पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था. यूक्रेन ने मंगोलिया से पुतिन को गिरफ्तार करने और हेग की अदालत को सौंपने की अपील की. दूसरी ओर पुतिन के एक प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते कहा था कि क्रेमलिन इस यात्रा को लेकर चिंतित नहीं है.
रूस और मंगोलिया के संबंध
मंगोलिया कम आबादी वाला देश है. वो ईंधन और बिजली के लिए रूस पर निर्भर रहता है. मंगोलिया रूस के साथ 2,100 मील की सीमा साझा करता है. मंगोलिया मास्को के साथ स्थिर संबंध बनाए रखने की कोशिश करता है. सत्तारूढ़ मंगोलियाई पीपुल्स पार्टी और रूस के बीच मजबूत संबंध रहे हैं. यह रिश्ता एक सदी से भी अधिक पुराना है, जब पीपुल्स पार्टी ने सोवियत रेड आर्मी के समर्थन से मंगोलिया के समाजवादी गणराज्य की स्थापना में मदद की थी. 1990 में मंगोलिया की लोकतांत्रिक क्रांति के बाद भी मंगोलियाई पीपुल्स पार्टी और रूस के बीच संबंध मधुर बने हुए हैं.
मंगोलिया की आजादी और स्वतंत्रता की लड़ाई में रेड आर्मी के दस हजार से अधिक सैनिकों और कमांडरों ने अपनी जान दी थी. एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा कि मंगोलियाई सरकार ने पुतिन की यात्रा के पीछे अपना तर्क समझाने के लिए पश्चिमी दूतों को बुलाया. इनमें रूस से ईंधन और बिजली की अधिक आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता भी शामिल थी, ताकि देश में पिछली सर्दियों जैसे कमी हुई थी वो फिर से ना हो. राजनियक ने कहा कि मंगोलियाई अधिकारियों से कहा गया वे पुतिन को जंग का प्रचार करने के लिए मंच ना दें.
अरेस्ट वारंट को खारिज कर चुका है पुतिन
यूक्रेन पर हमले के बाद से पुतिन दुनिया में अलग-थलग हो गए हैं. वह पिछले महीने उत्तर कोरिया और वियतनाम के दौरे पर गए थे. वहीं पिछले साल वह दो बार चीन के दौरे पर गए थे. दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए ब्रिक्स सम्मेलन को भी उन्होंने ऑनलाइन अटेंड किया था. ब्रिक्स का हिस्सा साउथ अफ्रीका भी आईसीसी का सदस्य देश है.
अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद आईसीसी के सदस्य देश आरोपी को हिरासत में लेने के लिए बाध्य होते हैं. रूस रोम संविधि का पक्षकार नहीं है, इसलिए क्रेमलिन ने पुतिन पर आईसीसी वारंट को अमान्य और शून्य बताकर खारिज कर दिया. हाल ही में इसने हेग स्थित अदालत में शामिल होने का प्रयास करने वाले सहयोगियों पर निशाना भी साधा था.
आईसीसी में शामिल होने के आर्मेनिया के फैसले ने पिछले साल मॉस्को और उसके बीच तनाव को बढ़ा दिया था. हालांकि, अर्मेनियाई अधिकारियों ने तुरंत रूस को आश्वस्त करने की कोशिश की कि देश में प्रवेश करने पर पुतिन को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. आईसीसी के प्रवक्ता फादी अल अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि मंगोलिया आईसीसी रोम कानून का सदस्य देश है और इसलिए उसे अदालत के साथ सहयोग करना चाहिए.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *