Bharat NCAP ने पेश किया सेफ्टी स्टीकर, QR कोड स्कैन करते पता चल जाएगी कार की मजबूती
भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) ने कारों के लिए सेफ्टी रेटिंग वाला QR कोड स्टीकर पेश किया है. ये पहल व्हीकल सेफ्टी को लेकर जागरूकता लाएगी. वहीं कस्टमर स्टीकर में बने क्यूआर कोड को स्कैन करके गाड़ी के सेफ्टी फीचर्स के बारे में जान पाएंगे.
Bharat NCAP उन ऑटोमोबाइल कंपनियों को QR कोड स्टीकर भेजेगी, जिनके व्हीकल सेफ्टी प्रोग्राम के तहत क्रैश टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं. इन स्टीकर्स में मैनुफैक्चरर का नाम, व्हीकल या मॉडल का नाम, टेस्टिंग डेट, एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग्स शामिल होंगी. स्टीकर स्कैन करने के बाद यूजर व्हीकल की सेफ्टी डिटेल जान पाएंगे.
Demand safety first! Introducing the Bharat NCAP display sticker with a QR code for Safety rated vehicles for instant access to vehicle safety ratings. Empower yourself with the knowledge to choose safer vehicles.#BharatNCAP #SafetyFirst #DemandSafety #BNCAP pic.twitter.com/oFr8mPMvCt
— Bharat NCAP (@bncapofficial) August 30, 2024
BNCAP ने इन कारों को दी 5-स्टार रेटिंग
मौजूदा समय में वो गाड़ियां जिन्होंने BNCAP क्रैश टेस्ट प्रोग्राम में हिस्सा लिया है, उनमें टाटा सफारी, नेक्सॉन ईवी, हैरियर और पंच ईवी शामिल हैं. इन सभी मॉडल्स को 5-स्टार सेफ्टी मिली है, जो चाइल्ड और एडल्ट सेफ्टी दोनों के लिए है.
पिछले साल रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ग्लोबल एनसीएपी के साथ कोलैबरेशन करते हुए भारत एनसीएपी सेफ्टी रेटिंग प्रोग्राम पेश किया था. इस क्रैश टेस्ट पॉलिसी के साथ भारत पांचवा ऐसा देश है, जिसने इस तरह के सेफ्टी सिस्टम को अपनाया है. Bharat NCAP की अनाउंसमेंट के साथ यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया था कि सेफ्टी टेस्ट के लिए 30 से ज्यादा गाड़ियों की रिक्वेस्ट आ चुकी है.
Exciting news alert! Get ready to discover the latest safety ratings with the upcoming releases of Bharat NCAP Ratings. Stay tuned for insights that prioritize your safety on the road. #safetyfirst #SafetyBeyondRegulations #MoreStarsSaferCars #DriveSafe #BharatNCAP #BNCAP pic.twitter.com/bmQf0OaKtN
— Bharat NCAP (@bncapofficial) April 29, 2024
Bharat NCAP के लिए ‘मोर स्टार्स, सेफर कार्स’ स्लोगन भी दिया गया है, ताकि नई गाड़ियों में एक्सीडेंट के चांस को कम किया जा सके. इस पहल के साथ कारों के खरीदार सेफ्टी फीचर्स को समझते हुए बेहतर व्हीकल खरीद सकेंगे.