रिंकू सिंह के प्रदेश का खिलाड़ी, दोस्त के लिए मौत से टकराया, एक हाथ से 65.62 मीटर जमीन नापकर पैरालंपिक में छाया

लगभग हरेक खेल में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का जलवा रहा है. क्रिकेट में इस प्रदेश ने देश को सुरेश रैन, रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी दिए हैं. वहीं पेरिस पैरालंपिक में छाने वाले अजीत सिंह यादव भी देश के इसी प्रदेश से आते हैं. वैसे अजीत सिंह जितने अपने खेल में पक्के हैं. उतनी ही इनकी दोस्ती भी सच्ची है. ये अपने दोस्त के लिए मौत से भी टकरा चुके हैं. उस हादसे में इनकी जान तो बाल-बाल बच गई थी. लेकिन, एक हाथ गंवाना पड़ा था. लेकिन, दिलेरी देखिए कि अब उन्होंने एक हाथ से ही पैरालंपिक में तिरंगा लहरा दिया है.
एक हाथ से 65.62 मीटर जमीन नापकर भारत की कराई चांदी
पेरिस पैरालंपिक में अजीत सिंह ने पुरुषों के जैवलिन थ्रो F46 इवेंट में भारत की चांदी कराई है. 3 सितंबर को हुए इस इवेंट में उन्होंने देश की झोली में सिल्वर मेडल डाला है. अजीत सिंह ने ये कामयाबी अपने भाले से 65.62 मीटर की जमीन यानी दूरी नापकर हासिल की है.
दोस्त की जान बचाते वक्त गंवाया बायां हाथ
पेरिस पैरालंपिक में अजीत सिंह ने अपनी कामयाबी की स्क्रिप्ट अपने दाएं हाथ से भाला फेंककर लिखी. उनका बायां हाथ नहीं है. वो हाथ 2017 में घटी एक घटना में दोस्त की जान को बचाते वक्त उन्हें गंवानी पड़ा था. दरअसल, उनका वो हाथ ट्रेन की चपेट में आकर कट गया था. अजीत सिंह के बाएं हाथ का कोहुनी से नीचे का हिस्सा नहीं है. हादसे के बाद अजीत सिंह का इलाज हुआ. उनका रिहैब चला और सिर्फ 4 महीने बाद ही साल 2018 में हरियाणा के पंचकुला में हुए पारा एथलेटिक सीनियर नेशनल में उन्होंने हिस्सा लिया.
2019 से खेलना शुरू किया इंटरनेशनल इवेंट
इंटरनेशनल लेवल पर अजीत सिंह ने 2019 में कदम रखा. उन्होंने चीन के बीजिंग में हुए 7वें पारा एथलेटिक्स ग्रां प्री में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद उन्होंने 2019 के वर्ल्ड पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता और टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई किया. टोक्यो में तो मेडल जीत पाने में अजीत सिंह नाकाम रहे थे. लेकिन, पेरिस में उन्होंने भारतीय फैंस को निराश नहीं किया.
UP में जन्में, MP में पढ़े-लिखे
अजीत सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा में साल 1993 में हुआ था. उनकी पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुई. फिलहाल वो फिजीकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स में ग्वालियर के LNIPE से PhD कर रहे हैं.

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