मंकीपॉक्स वायरस दिमाग पर भी कर सकता है असर, एक्सपर्ट्स ने किया अलर्ट

दुनिया के कुछ देशों में मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. आमतौर पर ये बीमारी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर समस्या भी कर सकती है. मंकीपॉक्स की शुरुआत में शरीर में बुखार होता है दाने निकलते हैं. इसके बाद दाने पूरे शरीर पर फैलते हैं. मंकीपॉक्स के कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं यानी दिमाग से संबंधित बीमारी भी हो सकती है. इससे एन्सेफलाइटिस और मेनिनजाइटिस जैसी समस्या होने का रिस्क होता है.
फोर्टिस अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. प्रवीण गुप्ता बताते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित रोगी के नवर्स सिस्टम पर भी असर कर सकता है. इससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं. इससे एन्सेफलाइटिस होने का रिस्क होता है. इस समस्या से ब्रेन में सूजन हो जाती है. जिससे मरीज को सिरदर्द, बुखार जैसी परेशानी हो सकती है. इसके अलावा मेनिनजाइटिस भी हो सकता है. इसमें रोगी के ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्ली में सूजन आने लगती है.
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं क्यों होती हैं
डॉ. प्रवीण गुप्ता के मुताबिक,मंकीपॉक्स वायरस मरीज की स्किन और रेस्पिरेटरी ट्रेक को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ रोगियों में इस वायरस का गंभीर असर उनके नवर्स सिस्टम पर भी पड़ सकता है, जिससे नर्वस सिस्टम की सेल्स को नुकसान पहुंचता है और ब्रेन में सूजन आ जाती है. कभी- कभी मंकीपॉक्स से ग्रसित रोगियों में होने वाली इम्यून प्रतिक्रिया के चलते भी नवर्स सिस्टम को नुकसान होता है. हालांकि मंकीपॉक्स के न्यूरोलॉजिकल प्रभाव के केस कम होते हैं.
मंकीपॉक्स बीमारी का इलाज
मंकीपॉक्स की बीमारी का जितनी जल्दी पता लग जाए उतना ही आसानी से इसको कंट्रोल किया जा सकता है. डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं. हालांकि अभी इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ( एसआईआई ) ने कहा है की जल्द ही वो इश बीमारी के खिलाफ एक वैक्सीन विकसित कर सकते हैं.
मंकीपॉक्स से बचाव कैसे करें
मंकीपॉक्स से बचाव के तौर पर आप खांसने या छींकने वाले लोगों से दूरी बनाएं
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आएं औऱ संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं का उपयोग भी न करें
साफ सफाई का ध्यान रखें
फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें

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